बहराइच में तेजी से फैल रहे हरे नारियल विक्रेताओं की जाँच की मांग हुई तेज

बहराइच में तेजी से फैल रहे हरे नारियल विक्रेताओं की जाँच की मांग हुई तेज
आनन्द गुप्ता/अनवार खाँ मोनू
🔴 चिंता का विषय: क्या सस्ते हरे नारियल के पीछे कोई बड़ा सुरक्षा खतरा छिपा है?
👉 बहराइच शहर और आस-पास के इलाकों में पिछले कुछ महीनों में हरे नारियल पानी बेचने वालों की संख्या में असामान्य वृद्धि देखी गई है। ये सभी विक्रेता लगभग एक जैसे अंदाज़ में कार्य कर रहे हैं — बिना स्थानीय पहचान के, रोज़ स्थान बदलते हुए और अधिकांश मामलों में बरेली की आईडी प्रस्तुत करते हुए।
🔍 सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ा सवाल:
क्या ये सामान्य व्यापारी हैं?
या इनमें कुछ स्लीपर सेल जैसे तत्व छिपे हो सकते हैं, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिक हैं?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार
कई नारियल विक्रेताओं से पूछताछ में कोई स्थायी पता या पहचान स्पष्ट नहीं हो पाया।
कुछ विक्रेता बरेली का ID कार्ड दिखा रहे हैं, लेकिन स्थानीय रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बेहद जरूरी है।
> “अगर यह नेटवर्क संगठित रूप में काम कर रहा है, तो यह एक संभावित स्लीपर सेल नेटवर्क का संकेत हो सकता है, जो भविष्य में देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।”
⚠️ जनता की मांग:
प्रशासन तुरंत जांच अभियान चलाए।
हरे नारियल विक्रेताओं की पहचान सत्यापित की जाए।
यदि विदेशी नागरिक या अवैध घुसपैठिए हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
🗣️ स्थानीय निवासियों की अपील:
> "हम किसी मेहनतकश पर शक नहीं करना चाहते, लेकिन जब कोई पहचान नहीं बताता, अचानक उभरता है, और रोज़ लोकेशन बदलता है — तो सवाल उठना लाज़मी है।"
यह सिर्फ नारियल बेचने की बात नहीं है, यह सुरक्षा की परतों से जुड़ा मामला बनता जा रहा है।