जाति धर्म के नाम पर साधु संतों को ना बांटा जाए : राजर्षि रामनयनदास जी महाराज

अयोध्या। भक्ति आन्दोल मंच के तत्वाधान में "भारतीय हिन्दू व हिन्दुओ की वर्तमान स्थिति" पर गोष्ठी आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता महन्त रामनयनदास और संचालन रामबक्श यादव ने किया।
कार्यक्रम धोबी मन्दिर रायगंज अयोध्या में हुआ। महन्त रामनयनदास ने कहा कि कथा कहने का अधिकार सबको है। बस उसे ज्ञान होना चाहिए, जो बैष्णो समाज का हो वह कथा कह सकता है। कुछ पोगापंथ के लोग है जो कहते है कथा सब को कहने का नहीं है। रामायणी राम नयनदास ने कहा तथा कथित धर्माचायो द्वारा जाति के नाम पर बहुतायत हिन्दू समाज को शास्त्र विरुद्ध सिद्धान्त विरुद्ध व संविधान विरुद्ध भक्तों को अपमानित किया जाता है। महन्त रामदास जी करतलिया मन्दिर ने कहा कि सभी सन्तों को एकजुट रहता चाहिए। सभी साधु संत सनातनी हैं। राम बक्श यादव कहा विद्वान की पूजा होती है, विद्वान की पूजा हर जगह होती है। किसी कवि ने कहा है जाति- पाँति पूछहि न कोर जो हरि का भजै सो हरि का होए। इस मीटिंग में महन्त पदमदास महन्त गया दास, भागवतदास मागी, रबिन्दुदाल, सुनील दास, राजीदास व्यास, राम दुलारेदास, दिनेशदास आदि ने अपना विचार रखा।
अन्त में सभी सन्तों में यह संकल्प लिया सन्तों और कथावाचकों का अपमान अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इस मीटिंग में सैकडो सन्त महंत आदि उपस्थित रहे।