"वी.पी. सिंह किसानों के मसीहा, सामाजिक न्याय के प्रहरी थे" — संतोष भारतीय और शेखर दीक्षित

लखनऊ, 25 जून 2025
जननायक वी.पी. सिंह की जयंती पर आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में देशभर से आए किसान नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और पूर्व अधिकारियों ने उन्हें याद किया।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने कहा, "वी.पी. सिंह ने देश के सबसे कमजोर तबकों के लिए नीतियाँ बनाईं और उन पर अमल किया। उन्होंने किसानों की आत्मनिर्भरता का सपना देखा और किसानों के लिए अलग संगठन की स्थापना की। उनका मानना था कि जबतक किसान सदन में नहीं जाएगा, तबतक उसकी आवाज़ नहीं सुनी जाएगी। वी.पी. सिंह ने हर फैसले में गरीबों और वंचितों का पक्ष लिया।"
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने कहा, "वी.पी. सिंह एक राजनीतिक संत थे जिन्होंने जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर समाज के वंचित तबके के लिए लड़ाई लड़ी। आज जब देश में मूलभूत सुविधाओं की बात पीछे छूट गई है, तब उनकी विचारधारा की प्रासंगिकता और अधिक हो गई है। किसान को अपनी राजनीति खुद तय करनी चाहिए।"
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री सुनील शास्त्री ने वीडियो संदेश में कहा, "देश तभी आगे बढ़ेगा जब किसान और जवान मजबूत होंगे।"
स्वामी विद्याचैतन्य जी ने कहा, "भारत की संस्कृति को जीवित रखने का कार्य आज भी हमारे किसान भाई कर रहे हैं। हमारी परंपरा ऋषि और कृषि प्रधान रही है। वी.पी. सिंह समरसता के संरक्षक थे।"
वी.पी. सिंह के सहयोगी रहे अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, "वी.पी. सिंह किसी वाद के नहीं, देशभक्ति के आदमी थे। उनका सबसे बड़ा मुद्दा काला धन था।"
पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक अवस्थी ने उनके मानवीय पहलुओं को साझा करते हुए कई संस्मरण सुनाए।
मनरेगा मजदूर समिति के अध्यक्ष डॉ. ब्रज बिहारी ने कहा, "वी.पी. सिंह जैसे नेतृत्व की आज सबसे ज्यादा ज़रूरत है। उन्होंने कविता, चित्रकला और संघर्ष तीनों में अपनी अमिट छवि छोड़ी। दादरी आंदोलन उन्होंने किडनी की बीमारी के बावजूद किया। आज दुर्भाग्यवश वही ताक़तें जो उनसे निकलीं, कॉरपोरेट के चरणों में हैं।"
राष्ट्रीय जनता दल (उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा, "वी.पी. सिंह सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि एक विचार थे। उन्होंने ‘सबको समान शिक्षा और सम्मान’ की बात की। उन्होंने पिछड़ों और दलितों को मुख्यधारा में लाया।"
लोजपा (रामविलास) के धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा, "वी.पी. सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक साज़िश के तहत लाया गया था।"
कार्यक्रम में राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार बाबा, विजेंद्र सिंह, मोहित मिश्रा, सौरभ, राजेश यादव सहित अनेक किसान प्रतिनिधि उपस्थित रहे।