'शपथ लीजिए, विदेशी वस्तुएं नहीं खरीदेंगे... तभी सफल होगा ऑपरेशन सिंदूर', पीएम मोदी की बड़ी अपील

गांधीनगर में रोड शो के बाद पीएम मोदी गुजरात शहरी विकास की 20वीं वर्षगांठ के समारोह पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं, जहां से पीएम ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है. पीएम ने अपने संबोधन के शुरू में कहा, 'कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं. मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है. ये दृश्य सिर्फ गुजरात में नहीं है, हिंदुस्तान के कोने-कोने में है, हर हिंदुस्तानी के दिल में है.'
पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'दोस्तों 6 मई को 6 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर सैन्य बल से शुरू हुआ तो और अब ये ऑपरेशन जनबल से आगे बढ़ेगा, इससे मेरा मतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर में लोग भागीदार बने. पीएम ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि अब हम किसी भी विदेशी चीजों का इस्तेमाल नहीं करेंगे, लेकिन दुर्भाग्य देखो कि गणेश जी भी विदेश से आ जाते हैं, छोटी आंख वाले गणेश जी आ जाते हैं, पीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग अपने घरों पर जाकर एक लिस्ट बनाएं कि हम क्या क्या विदेश सामान इस्तेमाल करते, अगर ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाना है तो लोगों को सहयोग देना होगा.'
पीएम ने अंत में लोगों से विदेशी सामान ना खरीदने की अपील करते हुए कहा,' शपथ लीजिए कि विदेशी सामान नहीं खरीदेंगे तभी ऑपरेशन सिंदूर सफल होगा.'
PM मोदी ने सेना की कार्रवाई का सबूत मांगने वाले विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार सबूत नहीं देने पड़ेंगे, क्योंकि इस बार ऊपर वाला सबूत दे रहा है. पीएम ने ये भी कहा, मैं दो दिन से गुजरात में हूं. कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं. मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है. ये दृश्य सिर्फ गुजरात में नहीं है, हिंदुस्तान के कोने-कोने में है, हर हिंदुस्तानी के दिल में है.
पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तो हमने ज्यादा कुछ किया नहीं है पर वहां पसीना छूट रहा है. अभी अपने बांध की सफाई कर रहे हैं और वहां इससे बाढ़ आती हैं. साथियों हमने किसी से बैर नहीं है, हम सभी की भलाई चाहते हैं.
पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर चाहे कितना भी मजबूत या स्वस्थ क्यों न हो, एक भी कांटा लगातार दर्द दे सकता है और हमने तय किया है कि कांटा निकालना ही होगा. विभाजन के दौरान, मां भारती दो भागों में विभाजित हो गई, और उसी रात, मुजाहिदीन द्वारा कश्मीर पर पहला आतंकी हमला किया गया. अगर उन्हें तब खत्म कर दिया गया होता, तो 75 साल की ये पीड़ा टाली जा सकती थी. 1947 में मां भारती के टुकड़े हुए. कटनी चाहिए थी जंजीरें, लेकिन काट दी गईं भुजाएं. देश के तीन टुकड़े कर दिए गए और उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ. मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया. अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की बात मान ली गई होती तो 75 साल से चला आ रहा ये सिलसिला (आतंकी घटनाओं का) देखने को नहीं मिलता.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देश के लोग चाहते हैं कि ओलंपिक भारत में हो. PM ने ये भी कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, हमारे भारतीय सशस्त्र बलों-हमारे बहादुरों-ने उन्हें इस तरह से हराया कि वे कभी नहीं भूल पाएंगे. यह महसूस करते हुए कि वे भारत के खिलाफ प्रत्यक्ष युद्ध कभी नहीं जीत सकते, उन्होंने छद्म युद्ध का सहारा लिया, इसके बजाय आतंकवादियों को सैन्य प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की. 6 मई की रात जो लोग मारे गए, पाकिस्तान में उन जनाजों को स्टेट ऑनर दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, वहां की सेना ने उनको सैल्यूट किया. ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है, ये आपकी (पाकिस्तान) सोची-समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा.
पीएम ने संबोधन में अपने राजनीति के शुरुआती दिनों का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि मैंने अपनी राजनीति के शुरुआती दिनों में तत्कालीन सीएम चिमनभाई पटेल ने से कहा कि लाल बस का विस्तार करें, लेकिन उस वक्त उन्होंने हमारे प्रस्ताव से इनकार कर दिया पर हम लोगों का दबा ज्यादा था. इसी वजह से बाद उन्होंने लाल बस का विस्तार कर दिया, जिसका अभूतपूर्व रिजल्ट मिले.
पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कल 26 मई थी... 2014 में 26 मई को मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला. उस समय, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें स्थान पर थी. हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेलीं, प्राकृतिक आपदा भी झेली इसके बावजूद इतने कम समय में हम 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने, क्योंकि हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं. हमारा लक्ष्य है... 2047 में हिंदुस्तान को विकसित होना ही चाहिए. हम आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता रहेगा.
पीएम ने कहा कि आपको याद होगा कि पहले स्टार्टअप बड़े उद्योग के पास चलते थे, लेकिन अब स्टार्टअप देश में हर जगह चल रहे हैं, सबसे ज्यादा टियर 2-3 शहरों में भी बड़े स्टार्टअप चल रहे हैं और तो और सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स को महिलाएं चला रही हैं. इसका मतलब ये है कि छोटे शहरों की ताकत बढ़ रही है. हमारे छोटे शहरों की क्षमता बहुत ज़्यादा है. चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जाने के लिए हमें इन शहरों के शहरी विकास पर ध्यान देना चाहिए। ये हमारे भविष्य के विकास के इंजन हैं. दुख की बात है कि एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है जो वैश्विक मंच पर भारत की छवि को खराब करने की कोशिश करता है, तथ्यों के कारण नहीं, बल्कि वैचारिक मतभेदों के कारण. कुछ लोगों को प्रगति को स्वीकार करना मुश्किल लगता है, क्योंकि यह उनकी कहानी के साथ मेल नहीं खाता.
पीएम ने आग कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भी हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिए. गुजरात ने इस मामले में बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. कौन सोच सकता था कि कच्छ जैसी जगह- जहां कभी कोई जाना नहीं चाहता था. अब इतनी लोकप्रिय हो गई है कि वहां बुकिंग भी नहीं मिल पा रही है. यहां तक कि वडनगर में भी उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है. काशी की तरह वडनगर भी सभ्यता का प्राचीन केंद्र है. यहां 2,800 साल से भी ज्यादा पुराने इतिहास के प्रमाण मौजूद हैं. ऐसी विरासतों को विश्व मानचित्र पर लाना और उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करना हमारी जिम्मेदारी है.