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उत्तर प्रदेश

सच पर पर्दा, घूसखोरी पर पर्दाफाश: चंदौली पुलिस अब सच को छुपाने के लिए मीडिया मैनेजमेंट पर देती है जोर,फरियादी पर ट्रायलॉजी का करती है प्रयोग...!

सच पर पर्दा, घूसखोरी पर पर्दाफाश: चंदौली पुलिस अब सच को छुपाने के लिए मीडिया मैनेजमेंट पर देती है जोर,फरियादी पर ट्रायलॉजी का करती है प्रयोग...!
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विशेष रिपोर्ट,चंदौली...

चंदौली: चंदौली जनपद में पुलिस प्रशासन पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गए हैं। आरोप है कि एक घूसखोरी के मामले में सच्चाई को दबाने के लिए पुलिस अब मीडिया मैनेजमेंट और फरियादी पर दबाव बनाने की राह अपना रही है। मामला नवही चौकी से जुड़ा है, जहां चौकी प्रभारी और एक सिपाही पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं।

बता दें कि एक फरियादी द्वारा दर्ज कराए गए ऑडियो ने तहलका मचा दिया। ऑडियो वायरल होते ही चौकी प्रभारी की कुर्सी डगमगाने लगी और आनन-फानन में फरियादी को थाने बुलाकर 'डाबर की जन्म घुट्टी' की तर्ज पर मनाने की कोशिश की गई। यह सब तब हुआ जब मीडिया के सामने फरियादी ने खुले शब्दों में अपनी पीड़ा बयान की थी। लेकिन मामला सामने आते ही फरियादी को घेरने की तैयारी शुरू हो गई। अतिरेक दबाव बनाकर उसका बयान बदलवाने की पुरजोर कोशिश शुरू हो गई।

वहीं नवही पुलिस चौकी प्रभारी अपनी सफेदपोश छवि सुधारने के नाम पर मीडिया मैनेजमेंट की तरफ अग्रसरित हो गए हैं। बता दें कि जनपद के अलग-अलग थानों में पहले भी इसी तरह के विवाद सामने आ चुके हैं — जिसमें सच को झूठ के परदे पर छुपाने के सारे हथकंडे अपनाए गए हैं। वहीं ट्रायलॉजी प्रकरण के बाबत बता दें कि सूत्रों के अनुसार फरियादी को उसके घर से जबरन लाया गया और फिर चौकी से थोड़ी दूरी पर दबाव में बयान दिलवाया गया। अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर साहब सच के पक्षधर हैं तो ट्रायलॉजी और मीडिया मैनेजमेंट क्यों?

हालांकि पूरे घटनाक्रम पर जनता अब एसपी साहब की पारदर्शिता और निर्णय क्षमता की ओर देख रही है। सवाल यह है कि क्या सच की आवाज़ को दबाने की इस साजिश का पर्दाफाश होगा? या फिर ‘दाग अच्छे हैं’ की तर्ज पर एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ कुचल दी जाएगी?फिलहाल, मामला तूल पकड़ चुका है और पूरे जिले की निगाहें इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई पर टिकी हैं। फिलहाल साहब के कारगुज़ारियों का लगातार खुलासा होने की बड़ी संभावना है।

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