वाराणसी: सेटेलाइट डाटा से होगी अवैध निर्माण की पहचान, होगी कार्रवाई

वाराणसी में अवैध निर्माण वाले प्लॉट पर VDA की तरफ से कार्रवाई लगातार जारी है. लेकिन अब इसमें एक और कड़ी जुड़ चुकी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध निर्माण पर नियंत्रण लगाने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण की तरफ से एनफोर्समेंट जियाट्रिक्स सॉफ्टवेयर के माध्यम से सेटेलाइट डाटा के आधार पर अवैध निर्माण को चिन्हित किया जाएगा, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी.
प्रथम चरण में VDA द्वारा 1000 वर्ग मीटर से बने 49 नवनिर्माण का चिन्हित करके जोन 1, 2 और 3 में किया गया है. वाराणसी विकास प्राधिकरण की तरफ से एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार अब एनफोर्समेंट जियाट्रिक्स सॉफ्टवेयर की मदद से वाराणसी विकास प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार में आने वाले उन भूमि को चिन्हित किया जा सकेगा जहां पर अवैध निर्माण और प्लाटिंग हुई है.
नए मकानों को किया जाएगा चिन्हित
इस सॉफ्टवेयर में सैटेलाइट डाटा के आधार पर निर्माण का क्षेत्रफल, तल और निर्माण होने का समय विवरण देशांतर के साथ प्राप्त हो सकता है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सेटेलाइट डाटा का प्रयोग करते हुए बड़ी संख्या में नवनिर्माण को चिन्हित किया जा सकेगा क्योंकि इस सैटेलाइट डाटा के आधार पर निर्धारित क्षेत्र की फोटो और लोकेशन को आसानी से प्राप्त करना संभव है.
दरअसल, वाराणसी विकास प्राधिकरण का विकास क्षेत्र लगभग 1073 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. VDA क्षेत्र के अंतर्गत वाराणसी का शहरी क्षेत्र सहित 850 गांव शामिल हैं. क्षेत्र को 5 जोन में बांटा गया है. अब नई पहल के तहत वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा इस नए सॉफ्टवेयर की मदद से अवैध निर्माण को चिन्हित किया जा रहा है और जनपद में भी इस प्रक्रिया की खूब चर्चा हो रही है.
बता दें कि लखनऊ बीते महीनों के दौरान अवैध निर्माण पर उठे सवाल के बाद अब कई जिलों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई तेज करने की तैयारी चल रही है. इस क्रम में अब वाराणसी में अवैध निर्माण को चिन्हित करने में तकनीक का सहयोग लिया जाएगा.