चंदौली में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए गुरुजन करते हैं फर्जीवाड़ा!बच्चों की प्रतिभा का हनन करने का रचते हैं कुचक्र, बीसीए ने दिए जांच के आदेश...
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली: खबर जनपद चंदौली से है जहां शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माता होते हैं वहीं जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक जिले में अपनी साख और राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जाने की होड़ में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं । ताजा मामला जनपद के चहनियां विकास खंड से जुड़ा है। जहां राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए शिक्षक फर्जीवाड़ा कर रहे है जिसका खुलासा क्रमशः होता जा रहा है।बता दें कि चंदौली जिले समेत अन्य जगहों में अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षक फर्जीवाड़ा कर अपनी जगह दूसरे से अध्यापन कार्य कराते नजर आए हैं, इस तरह का कई मामला उजागर हो चुके हैं। लेकिन अब छात्रों से भी फर्जीवाड़ा कारा कर उनके भविष्य को बर्बाद करने में जुटे हुए हैं। जिससे जुड़ा एक मामला चंदौली से सामने आया है, जिसने शिक्षा विभाग की पोल खोल का रख दी है।
बता दें कि चंदौली जनपद के चहनिया विकास खंड के हृदयपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय के दो शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से राज्यपाल के द्वारा पुरस्कृत है। पुनः अपनी साख और पुरस्कार पाने की होड़ में इन शिक्षकों ने प्रतिभावान बच्चों की प्रतिभा का हनन करने का कुचक्र रच दिया।जिले स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय आविष्कार अभियान क्विज प्रतियोगिता में इंटर कॉलेज की छात्रा को बुलाकर हृदयपुर कंपोजिट विद्यालय की कक्षा 8 की छात्रा प्रीति पाल पुत्री अरविंद पाल की जगह परफॉर्मेंस प्रस्तुत कराया गया है।सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल वीडियो में देख सकते हैं कि बिना ड्रेस की छात्रा प्रीति पाल की जगह उसके साथ अपना परफॉर्मेंस बेसिक शिक्षा अधिकारी के सामने प्रस्तुत कर रही है।फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक समाज की आंखों में तो धूल झोंक ही रहे हैं लेकिन अपने अधिकारी के भी आंखों पर पर्दा डालकर उनके सामने प्रस्तुतीकरण करा दिया गया।
जिला स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय आविष्कार अभियान क्विज प्रतियोगिता में इंटर कॉलेज की छात्रा का प्रदर्शन अच्छा रहा और चहनिया ब्लाक से हृदयपुर कंपोजिट विद्यालय की छात्रा प्रीति पाल के नाम से पुरस्कार के लिए विजेता बना दिया गया।यही नहीं इस तरह के कई फर्जीवाड़े के मामले धीरे-धीरे उजागर हो रहे हैं। हृदयपुर कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेंद्र यादव व सहायक अध्यापक नंद कुमार शर्मा पहले से ही राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत हो चुके है। अब इनके कृत्य को क्या समझा जाए पुरस्कार पाने के लिए गुरुजी लोग जब इस तरह का फर्जीवाड़ा करते हैं तो छात्रों को किस तरह का शिक्षा देकर उनके भविष्य का निर्माण करेंगे। यह विचारणीय मुद्दा है।
हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि इस तरह का मामले की कोई शिकायत नहीं मिली है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद शिकायत मिली है। अगर लाभ लेने के लिए इस तरह का कुत्सित प्रयास किया गया है तो जांच के बाद संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। हालांकि अब देखना लाजिमी होगा कि जांच और कार्रवाई का आश्वासन देने वाले अधिकारी कब तक इस तरह के मामलों में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई को अंजाम देते हैं या आगे की तरह पुनः मामले को ठंडे बस्ते में डाल, बच्चों के भविष्य को कुचलने का कुचक्र को पनाह देते हैं।