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उत्तर प्रदेश

चंदौली में गूंज उठी ' बाल विवाह मुक्त भारत ' की रणभेरी...

चंदौली में गूंज उठी  बाल विवाह मुक्त भारत  की रणभेरी...
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ग्राम स्वराज्य समिति की पहल को मिला जनसमर्थन...

ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली

चंदौली: खबर जनपद चंदौली से है जहां अतिपिछड़े जनपद में भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को जिला स्तर पर जनसमर्थन मिलना शुरू हो गया है। बता दें कि सामाजिक संगठन ग्राम स्वराज्य समिति पिछले डेढ़ सालों से इस कुप्रथा को दूर करने की कवायद में जुटी थी। जिसकी गूंज को आज पंख मिलना आरंभ हो गए और एक मुनादी, रणभेरी के रूप में जनस्वर का रूप अख्तियार करती जा रही है। पिछले डेढ़ सालों के दौरान ग्राम स्वराज्य समिति ने करीब 500 बाल विवाह को रुकवाया और कुछ विवाहों में उसे कानूनी मदद भी लेनी पड़ी।

मशाल जुलूस और कैंडल मार्च निकालकर जागरूकता अभियान...

पिछड़े जनपद चंदौली में भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान मिलते ही सामाजिक संगठन ग्राम स्वराज्य समिति के हौसलों को पंख मिल गए। जनपद के मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचलों में मशाल जुलूस और कैंडल मार्च निकालकर जागरूकता अभियान चलाकर अभियान का शंखनाद शुरू कर दी है, इस अभियान को जनता का भी समर्थन मिलने लगा है।

इस दौरान ग्राम स्वराज्य समिति के निदेशक महेशानंद की माने तो यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। देश की बेटियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते, और बाल विवाह इसमें सबसे बड़ी बाधा है।बाल विवाह की रोकथाम को सभी पक्षों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। सरकार और मिशनरी तंत्र के बिना इस कुप्रथा से मुक्ति असंभव है।

कुप्रथा बाल विवाह को रोकने के लिए अब होगा जन आंदोलन...

सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग के संकेत मिलते ही इस कुप्रथा के अंत को युद्धस्तर पर तैयारियां आरंभ हो गई हैं। ग्राम स्वराज्य समिति के संयोजक जुनैद खान ने एक निजी लॉन में मीडिया के बीच संगठन की तैयारियों का खाका साझा करते हुए कहा कि बाल विवाह की कुप्रथा का अंत करने के लिए अब जन आंदोलन की आवश्यकता है। क्योंकि आत्म निर्भर और विकसित भारत की कड़ी में बाल विवाह सबसे बड़ी बाधा है। इस बाधा से मुक्ति जन जागरूकता और जन आंदोलन से ही मिलेगी। मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचलों के 50 गांवों में पीड़ित बच्चियों को साथ लेकर कैंडल मार्च, मशाल जुलूस और पोस्टर आदि के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के आवाह्न को रणभेरी का रूप देने को जन आंदोलन का रास्ता अपना लिया गया है।

उन्होंने बताया कि बाल कल्याण, पुलिस और महिला हेल्पलाइन आदि विभागों के सहयोग से बाल विवाह मुक्त भारत की पहल को पंख मिलना आरंभ हो गए हैं। यह अभियान अब चंदौली जिले के शहाबगंज,धानापुर, नौगढ़, बरहनी और नौगढ़ में वृहद रूप से संचालित होगा। इसमें ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी, शिक्षामित्र, रोजगार सेवक, पंचायत मित्र और वरिष्ठ नागरिकों का सहयोग पहल को सार्थक बनाएगा।

वहीं इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद बाल विवाह पीड़िता चंचला ने दग़्ध अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि आज का दिन मेरे लिए ऐतिहासिक है। ऐन मौके पर बाल विवाह रुक जाने से जीवन की कई मुश्किलों और उत्पीड़न से बच गई। लेकिन कई बच्चियां मेरी तरह भाग्यशाली नहीं हैं। लेकिन सरकार और प्रशासन तंत्र के समर्थन से इस कुरीति के खात्मे को बल मिलेगा।

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