बलरामपुर गार्डन में राष्ट्रीय पुस्तक मेला : पांचवां दिवस
बुक फेयर में गूंज रही दलित साहित्य की धमक
बंकू, जन्मे हैं रघुबर..., अमृत मंथन का हुआ विमोचन
छठे दिन का आकर्षण होगा स्टार्टअप लिट फेस्ट
लखनऊ, 30 अक्टूबर। सबसे निचले तबके को केन्द्र में रखकर नये मानवीय और समतामूलक समाज बनाने के जिस मकसद से दलित साहित्य आज भी रचा जा रहा है। बलरामपुर गार्डन में चल रहे इक्कीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में इस दलित साहित्य की धमक साफ दिखायी दे रही है। मेले के कई स्टालों में बौद्ध और दलित साहित्य उपलब्ध है। कल के आयोजन में स्टार्टअप लिट फेस्ट विशेष होगा।
बहुजन साहित्य के स्टाल पर 1873 में प्रकाशित ज्योतिबा फुल की गुलामगिरी पुस्तक का नया संस्करण है तो हर घर अभियान के तहत कम दामों में डा.एमएल परिहार का हर घर संविधान, हर घर गौतम बुद्ध और हर घर अम्बेडकर पुस्तकें बिक रही हैं। यहां भारत का संविधान किताब के साथ धम्मपद पुस्तक उपहार में दी जा रही है। गौतम प्रकाशन के स्टाल से पुस्तक प्रेमी बालकृष्ण रावत ने कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिये क्या किया व कुछ अन्य पुस्तकें खरीदीं। इस स्टाल पर एसएस गौतम की सामाजिक क्रान्ति के महानायक, महापुरुषों के अनमोल वचन, बहुजन साहित्य कोश, भारतीय संगीत और कला के जनक दलित पिछड़़े और श्यामबिहारी वर्मा की सत्य असत्य जैसी नयी किताबें भी पाठकों का ध्यान खींच रही हैं। सम्यक प्रकाशन के स्टाल में महाराज बिजली पासी की ऐतिहासिकता, जननायक कर्पूरी ठाकुर, बहुजन वीरांगनाएं, भारत का प्राचीन भूगोल, फूलन देवी, जातिगत जनगणना का सच, सम्राट असोक का सही इतिहास, हिन्दी दलित साहित्य में मानव मुक्ति की अवधारणा आरै अट्ठाइस बुद्ध और उनके अनुयायी जैसी नयी प्रकाशित पुस्तकें डा.अम्बेडकर पर लिखी किताबों के संग दिखायी दे रही हैं। बौद्ध साहित्य तो अन्य कई स्टालों पर भी उपलब्ध है।
मेले के साहित्यिक मंच पर बोधरस प्रकाशन की ओर से अमित तिवारी की किताब बंकू और श्वेता उपाध्याय की पुस्तक कविता सी लड़की और निबंध सा लड़का का विमोचन लेखक आशुतोष सिंह ने किया। मंजूषा परिषद की ओर से डा.अमिता दुबे की अध्यक्षता व कुमार तरल के संचालन में सारस्वत सम्मान समारोह चला। समारोह में प्रो.हरिशंकर मिश्र को डा.सरला शुक्ला स्मृति सम्मान और अलका प्रमोद को मानस मंजूषा सम्मान से नवाजा गया। इस मौके पर डा.मंजू शुक्ला की पुस्तक जन्मे हैं रघुबर अवध मां का विमोचन विजयकुमार त्रिपाठी, अपूर्वा अवस्थी की उपस्थिति में हुआ। संग्रह के गीत भी गाये गये। इसी क्रम में अभिव्यक्ति संस्था द्वारा इस वर्ष प्रकाशित रचनाकारों के साझा कथा संकलन अमृत मंथन का विमोचन डा.अमिता दुबे, शारदा लाल, ज्योत्सना सिंह, मंजू शुक्ला आदि रचनाकारों की मौजूदगी में किया गया। इससे वसुन्धरा फाउण्डेशन की ओर से राकेश श्रीवास्तव के संयोजन में महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री भारत के दो पुरोधा विषय पर गोष्ठी और का आयोजन पद्मश्री डा. विद्या विन्दु सिंह की अध्यक्षता में हुआ। समारोह में अखिलेश श्रीवास्तव चमन, आनन्दवर्धन सिंह, कवि नरेश सक्सेना, पत्रकार सुधीर मिश्रा ने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर इंडियन बैंक के उपमहाप्रबंधक श्यामशंकर ने विभिन्न विद्यालयों में फाउण्डेशन द्वारा करायी गयी प्रतियोगिताओं के बच्चों को पुरस्कृत किया। गांधी जयंती की पूर्व वेला पर ही प्रकाशन विभाग की ओर से सुशांत के संयोजन में मेला परिसर में तहत गदाधर अभ्युदय प्रकल्प रामकृष्ण मठ के 32 बच्चों ने स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई का संदेश दिया। ज्योति किरन के संयोजन में एमडीए डांस एकेडमी की आस्था, माही, मीनाक्षी, शिखा, पायल, मोनी मिश्रा और नितिन ने नैनो वाले ने..... जैसे गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया। शाम को विजन केअर की ओर से उद्यमिता के अवसर विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने विचार रखे।
2 अक्टूबर के कार्यक्रम
अपराह्न 12.30 बजे साहित्यिक आयोजनन : वाणी प्रकाशन
अपराह्न 1.00 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम : सुरभि कल्चरल ग्रुप
अपराह्न 2.00 बजे स्टार्टअप लिट फेस्ट
शाम 5.00 बजे कार्यक्रम : राजकमल प्रकाशन
शाम 6.00 बजे पुस्तक चर्चा : सुनील द्विवेदी
शाम 6.30 बजे संगोष्ठी : सुंदरम संस्थान