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उत्तर प्रदेश

चुनावी रैलियों में बेकाबू भीड़ को लेकर सपा ने उठाए पुलिस पर उठाए सवाल, डीजीपी प्रशांत कुमार ने दिया जवाब

चुनावी रैलियों में बेकाबू भीड़ को लेकर सपा ने उठाए पुलिस पर उठाए सवाल, डीजीपी प्रशांत कुमार ने दिया जवाब
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उत्तर प्रदेश की चुनावी जनसभाओं में बेकाबू हो रही भीड़ ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने के साथ ही बड़े नेताओं की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।

सपा इन घटनाओं को संयोग या दुर्योग के रूप में देखने की बजाय अपने जनाधार के रूप में देख रही है। वहीं कांग्रेस, भाजपा के 10 वर्षों के शासनकाल में जुल्म और ज्यादतियों के विरोध में इन घटनाओं को लोगों के जोश के रूप में देख रही है।

सुरक्षा में किसी तरह की चूक के बजाय पुलिस बेकाबू हो रही भीड़ के लिए सपा व कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहरा रही है। कहीं भी पुलिस बल की कमी से इनकार करते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि सभी रैली व जनसभा स्थलों पर सुरक्षा के मानकों के हिसाब से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जा रही है।

तीन दिन में तीन घटनाएं

लोकसभा चुनाव में प्रचार को लेकर लगातार तीन दिनों से अलग-अलग चुनावी जनसभाओं में बेकाबू भीड़ द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पहली घटना 19 मई को इलाहाबाद व फूलपुर लोकसभा क्षेत्र की चुनावी जनसभा में घटी।

राहुल गांधी व अखिलेश यादव की संयुक्त जनसभा में भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए और राहुल तथा अखिलेश को भाषण दिए बिना ही लौटना पड़ा। भीड़ उस समय बेकाबू हुई जब मंच पर अखिलेश यादव पहुंचे। माना गया कि मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिस की मौजूदगी न होने के कारण ही बेकाबू भीड़ को संभाला नहीं जा सका।

अगले ही दिन 20 मई को संत कबीर नगर में अखिलेश यादव की जनसभा में बेकाबू हुई भीड़ ने सुरक्षा घेरा व बैरिकेडिंग तोड़कर अखिलेश तक पहुंचने का प्रयास किया।

तीसरी घटना 21 मई को हुई जब आजमगढ़ के लालगंज में अखिलेश की जनसभा में बेकाबू हुई भीड़ ने सुरक्षा घेरा तोड़ डाला। पुलिस को लाठियां चलाकर भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा।

नेता बोले…

इस बारे में सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभाओं में जनसैलाब आ रहा है। चुनावी रैलियों में सुरक्षा व्यवस्था पुलिस प्रशासन का काम है, जितनी सुरक्षा रैलियों के लिए मिलनी चाहिए वह नहीं दी जा रही है। रैलियों में आ रही भीड़ अखिलेश यादव को देखकर उत्साहित है। यह जनसैलाब भाजपा के लिए खतरे की घंटी है।

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. सीपी राय का कहना है कि यह भाजपा के दस वर्षों के जुल्म और ज्यादतियों का परिणाम है कि लोगों की भीड़ भाजपा के विरोध में जनसैलाब के रूप में बेकाबू हो रही है।

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