कौन हैं ये पं प्र.गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ गुरुजी ? प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक बने हैं।
काशी के सुप्रसिद्ध विद्वान् हैं द्रविड गुरूजी। वेद, व्याकरण, ज्योतिष, न्याय आदि समस्त शास्त्रों के प्रामाणिक एवं परंपरागत विद्वान् हैं तथा धर्मशास्त्र पर इनका उद्भट पांडित्य है। पंडितराज राजेश्वर शास्त्री द्रविड़ के पुत्रों में अपनी विद्या के कारण इनका महनीय स्थान है । इनके बड़े भाई पंडित विश्वेश्वर शास्त्री द्रविड हैं। दूसरे भाई पं वीरेश्वर द्रविड थे। पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने ही काशी विश्वनाथ मंदिर के लोकार्पण का मुहूर्त दिया । श्री राम मंदिर के शिलान्यास एवं प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त आप ने ही प्रदान किया। आपके निर्देशन में ही श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी संपन्न हुई । रामसेतु पर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट को रामसेतु की प्रमाणिकता का प्रमाण भी शास्त्र द्वारा आपने प्रस्तुत किया। आपने कभी जीवन में सिला हुआ वस्त्र नहीं पहना। पैरों में चप्पल नहीं पहनी। केवल एक धोती और एक दुपट्टे पर ही पूरा जीवन बिताया है। ऐसे संत-महात्मा जिन्होंने वेद शास्त्र की सेवा के लिए विवाह तक नहीं किया। उनके चरणों में शत-शत नमन है।
जिस प्रकार समर्थ गुरु रामदास ने छत्रपति शिवाजी को विजयश्री प्राप्त करवायी, इसी प्रकार पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के नेतृत्व में श्री नरेंद्र मोदी को भी विजयश्री प्राप्त होगी। उनका एक छोटा सा परिचय नीचे प्रस्तुत है -
श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़
पिता- स्व. पंडितराज राजेश्वर शास्त्री द्रविड़
माता - स्व. जयलक्ष्मी द्रविड़
जन्म: मार्गशीर्ष कृष्ण 14 संवत् 2015 (9 दिसंबर 1958)
रामनगर, वाराणसी
निवास : सांगवेद विद्यालय के. २४/२० रामघाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश-२२१००१
शिक्षा: वेद-कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय शाखा, शुक्ल यजुर्वेद-शतपथ ब्राह्मण, वेदांग, पुराण, इतिहास, राज-शास्त्र, धर्मशास्त्र, काव्य कोष, ज्योतिष, तंत्रागमा और श्रौत।
गुरु - (1) पद्मभूषण पंडित राज श्री राजेश्वर शास्त्री द्रविड़ , (2) रामचन्द्र शास्त्री होस्माने, (3) विद्याभूषण गणपति शास्त्री हेब्बार, (4) पद्म भूषण राष्ट्रपंडित पट्टाभिराम शास्त्री (5) वेदमूर्ति गणेशभट्ट बापट, (6) वेदमूर्ति सखाराम दीक्षित, (7) गणकप्रवर गोविंद शास्त्री पाठक कारखेडकर
पद - परीक्षाधिकारी, श्री वल्लभराम शालग्राम सांगवेद विद्यालय, रामघाट, वाराणसी
सम्मान एवं उपाधियाँ (1) अखिल भारतीय श्री पंडित परिषद, वाराणसी से 1982 में तर्कशास्त्र में डिग्री। (2) 1988 में श्री विंध्यवासिनी आध्यात्मिक संघ नेपाल द्वारा अभिनंदन। (3) 1999 में नूतन बालक गणेशोत्सव समाज सेवा मंडल वाराणसी की ओर से सम्मान। (4) जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ करवीर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र द्वारा मई 2009 में पुरस्कृत। (5) 'राष्ट्रीय पंडित पुरस्कार', नासिक, महाराष्ट्र, 2010 (6) 18 फरवरी 2016 को नागपुर जिले, महाराष्ट्र में पुरस्कृत किया गया। (7) अखिल भारतीय वैदिक परिषद, श्री माणिक्य प्रभु संस्थान माणिक्यनगर (कर्नाटक), 2017 की ओर से सम्मान।
इसके अतिरिक्त और भी बहुत कुछ।