बाल विज्ञानी श्लोक सिंह ने तैयार किया शोधपत्र, नासा ने की सराहना
बचपन में टीवी देखते वक्त टाइम मशीन के बारे में जाना। उत्सुकता जगी तो बरेली के गांधीपुरम क्षेत्र के निवासी बाल विज्ञानी श्लोक सिंह ने इससे जुड़े विषय पर शोधपत्र तैयार कर डाला। आइंस्टीन के सिद्धांत पर आधारित इस शोधपत्र के जरिये छात्र ने तकनीकी की मदद से अतीत में जाने का सुझाव दिया है। छात्र के इस शोधपत्र की अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सराहना की है।
श्लोक सिंह का कहना है कि बीते वक्त में पहुंचना नामुमकिन है, क्योंकि वर्तमान में मौजूद तकनीकी इतनी समृद्ध नहीं है। फिर भी प्रयास किया जाना चाहिए। छात्र का कहना है कि कॉस्मोलॉजिकल एरो ऑफ टाइम के मुताबिक, समय वर्तमान से भविष्य की ओर चलता है। इसे अगर विपरीत स्थिति में परिलक्षित किया जा सकता, तो बीते वक्त में लौटना संभव था।
छात्र ने बताया कि वर्ष 2023 में नासा की ओर से युवा वैज्ञानिकों के सुझाव मांगे गए थे। इंटरनेट के जरिए इसके बारे में जानकारी मिली थी। इस लिए अपना शोधपत्र तैयार करके नासा की वेबसाइट पर भेजा था। उसके बाद इसे विद्यालय में भी शिक्षकों के सामने प्रस्तुत किया था। इस साल फरवरी में नासा की ओर से छात्र के सुझाव की सराहना की है।
श्लोक सिंह वर्तमान में दिल्ली पब्लिक स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र हैं। उनकी इस उपलब्धि पर विद्यालय में हर्ष का माहौल है। प्रधानाचार्य वेद मिश्रा ने छात्र के माता-पिता को भी शुभकामनाएं दी हैं। श्लोक के पिता धर्मेंद्र पाल सिंह पेशे से इंजीनियर और मां नीतू चौधरी शिक्षिका हैं।