तीन दर्जन चिकित्सा कर्मियों ने सहायक आचार्य डॉ. ऋचा यादव के खिलाफ प्रधानाचार्य को सौंपा पत्र
अमानवीय व्यवहार एवं अमर्यादित भाषा,मारपीट,मानसिक उत्पीड़न जैसे गम्भीर आरोप
महाराजा सुहेलदेव चिकित्सा महाविद्यालय का मामला
अनुराग गुप्ता
बहराइच। अपने कारनामों से प्रदेश में विख्यात जिले का महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है। इस बार यह चर्चा मरीज व तीमारदारों के कारण नहीं बल्कि महाविद्यालय के चिकित्सा कर्मियों ने महाविद्यालय से सम्बद्ध महर्षि बालार्क चिकित्सालय के एम सी एच विंग में तैनात स्त्री एवं प्रसूति रोग की विशेषज्ञ सहायक आचार्य डॉ. ऋचा यादव पर आरोप लगाकर किया है। एम सी एच विंग में कार्यरत चिकित्साधिकारी,नर्सिंग संवर्ग,फार्मासिस्ट संवर्ग एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संवर्ग ने प्रधानाचार्य को पत्र सौंप कर आरोप लगाया है कि महिला चिकित्सालय में तैनात डॉ. ऋचा यादव चिकित्सा कर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार, एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर कर्मियों को पद के अनुरूप कार्य नहीं करने दे रही हैं। कर्मियों का आरोप है कि सहायक आचार्य शासन द्वारा बनाई गई कार्यशैली के विरुद्ध जाकर कार्य कर रहे चिकित्सा कर्मियों पर क्रोध में आकर मारपीट करने के लिए हाथ उठा लेती हैं। पत्र में यह भी आरोप है कि कर्मचारियों को पद से निम्न स्तर से कार्य करने के लिये उन्हें बाध्य किया जाता है। इतना ही नहीं प्रधानाचार्य को सौंपे पत्र में चिकित्सा कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके वेतन बाधित करने,नौकरी से निकलवाने एवं प्रतिनियुक्ति पर तैनात कर्मचारियों एवं अधिकारियों को कार्यमुक्त कराने की धमकी भी उन्हें दी जा रही है। पत्र में आरोप है डॉ.ऋचा यादव के कृत्यों के चलते सभी चिकित्सा कर्मी मानसिक तनाव में हैं जिसके कारण राजकीय कार्यों में बाधा उतपन्न हो रही है।
सूत्र बताते हैं कि डॉ. ऋचा यादव के इन्हीं व्यवहार के कारण चिकित्सालय में मरीजों की संख्या में भारी कमी आ गयी है जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का मरीजों एवं उनके तीमारदारों के साथ सरल एवं मृदुभाषी व्यवहार के स्पष्ट निर्देश हैं बावजूद इसके डॉ. ऋचा के व्यवहार के कारण लगातार मरीजों की संख्या में गिरावट आ रही है। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2022 की अपेक्षा वर्ष 2023 में लगभग 26000 से अधिक संख्या में गिरावट आई है।
ओपीडी में हूँ - डॉ. ऋचा यादव
इन तमाम आरोपों पर जब डॉ. ऋचा यादव के मोबाइल नम्बर 6387659427 पर बात की गई तो उन्होंने संवाददाता सुनकर बिना कुछ सुने ओपीडी में हूँ कहकर फोन काट दिया। उनके इस व्यवहार से चिकित्साकर्मियों के आरोपों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि चिकित्सा कर्मियों के साथ उनका रवैय्या किस तरह का है।
नहीं उठा प्रधानाचार्य का नम्बर
चिकित्साकर्मियों द्वारा सहायक आचार्य डॉ. ऋचा यादव पर लगाये गए आरोपों पर जब महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. संजय खत्री से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नम्बर 9415008055 पर कॉल किया गया तो पूरी घण्टी बजती रही लेकिन प्रधानाचार्य का फोन नहीं उठ सका।