लोकसभा में बोले अमित शाह- कांग्रेस ने गरीबी हटाओ कहा, लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया

अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि ये पीएम मोदी के लिए मान्यता का सवाल है. अमित शाह ने कहा कि किसी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आकलन करना है, तो कोई एक घटना से फैसला नहीं हो सकता. अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया. तो उस वक्त उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढा़ई लिखाई के लिए दिया. इसके लिए कोई कानून नहीं था.
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देशभर में दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात में उन्होंने जागरूकता पैदा की. इससे लिंगानुपात में सुधार हुआ था. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओऱ लिंगानुपात में सुधार हुआ, दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्ऱॉपआउट रेशो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेशो घटकर 0.7 फीसदी रह गया. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए राजनीति नहीं, मान्यता औऱ संस्कृति का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण संविधान संसोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि ये महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता जिस दिन मोदीजी ने जिस दिन पीएम पद की शपथ ली, ये संकल्प सरकार का है.
अमित शाह ने कहा कि जब मोदीजी इस देश के पीएम बने तब इस देश के 70 करोड़ लोगों को बैंक अकाउंट नहीं थे, पीएम मोदी ने ये जनधन योजना चालू की. इसके तहत बैंक अकाउंट खोले गए. इसके तहत 52 करोड़ खोले गए. इसमें 70 फीसदी अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए. आज सारी योजनाओं का पैसा महिलाओं के बैंक खातों में जाता है, कांग्रेस ने 5 दशक से ज्यादा शासन किया. 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जहां शौचालय नहीं थे. गरीबी हटाओ के नारे दिए लेकिन गरीबों की कोई व्यवस्था नहीं की थी. लेकिन पीएम मोदी ने पहले साल के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनाए. इससे महिलाओं का सम्मान हुआ.