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उत्तर प्रदेश

मंत्री नंद गोपाल नंदी एससी/एसटी एक्ट के मुकदमे में दोषी करार, एक साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना

मंत्री नंद गोपाल नंदी एससी/एसटी एक्ट के मुकदमे में दोषी करार, एक साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना
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मौजूदा सरकार में मंत्री पद आसीन नंद गोपाल गुप्ता को नौ साल पुराने मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोषी मंत्री नंदी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक साल के कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में नंदी को 10 दिन और कारावास में बिताना होगा। मामला साल 2014 का है, जब लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्री नंदी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुट्‌ठीगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।

यूपी सरकार के मंत्री पर पांच हजार रुपये का जुर्माना और धारा 323 में 6 महीने की सजा सुनाई गई है. वहीं जुर्माना अदा नहीं करने पर दस-दस दिन की सजा अलग से भुगतनी होगी. हालांकि कोर्ट द्वारा सजा के एलान के बाद अदालत ने मंत्री नंदी को जमानत पर रिहा किया, बीजेपी नेता को कोर्ट ने सजा के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए जमानत दी.

योगी सराकर के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को सजा मिलने के बावजूद जेल नहीं जाना होगा. दोषी करार दिए जाने और सजा के एलान के बावजूद मंत्री नंदी की विधानसभा की सदस्यता नहीं जाएगी. क्योंकि 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर ही सदस्यता रद्द होती है, वहीं मंत्री नंदी के साथ ही दो अन्य लोग भी दोषी करार दिए गए हैं. मंत्री समेत बाकी लोगों को आईपीसी की धारा 148- 504- 506 और एससी एसटी एक्ट में बरी कर दिया गया है.

इस मामले में सुनाई गई सजा

मंत्री नंदी पर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. बीजेपी नेता नंदी पर तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करने का आरोप था. योगी के मंत्री पर आरोप है कि शहर के मुट्ठीगंज थाने में 3 मई 2014 को सपा सांसद और उम्मीदवार रेवती रमण सिंह की जनसभा चल रही थी. उस समय कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने जनसभा में हंगामा किया और सपा समर्थकों की लाठी-डंडों से पिटाई की. इसके साथ ही आरोप है कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी के उकसाने पर उनके समर्थक हिंसक हो गए थे.

मुट्ठीगंज थाने में हुआ था जमकर हंगामा

इस हमले में समाजवादी पार्टी के कई समर्थकों को चोटें आई थीं. आरोप है कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के दलित कार्यकर्ताओं को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां भी दी थी. सपा कार्यकर्ता वेंकटरमण शुक्ला ने नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में केस दर्ज कराया था. नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था. हालांकि नंद गोपाल गुप्ता नंदी की तरफ से तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ क्रास एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस घटना के बाद मुट्ठीगंज थाने में जमकर हंगामा हुआ था.

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