ऑनलाइन टिकटिंग में बड़ा बदलाव : ब्लैकमार्केटिंग रोकने को रेलवे ने शुरू की हाई-टेक सुरक्षा प्रणाली

रिपोर्ट : विजय तिवारी
इंडियन रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग को और सुरक्षित व पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
टिकटों की ब्लैकमार्केटिंग, फर्जी यूजर आईडी और बॉट्स के जरिए होने वाली अवैध बुकिंग पिछले कई वर्षों से रेलवे के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी। इसी को रोकने के लिए रेलवे ने तकनीक आधारित सख्त व्यवस्था लागू कर दी है।
रेलवे का बड़ा एक्शन : 3.02 करोड़ संदिग्ध यूजर ID बंद
रेलवे के अनुसार जनवरी 2025 से अब तक 3.02 करोड़ से अधिक संदिग्ध या फर्जी यूजर आईडी को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। ये यूजर आईडी कथित तौर पर अवैध टिकट बुकिंग, प्रॉक्सी यूज या बॉट्स के जरिए सिस्टम को चकमा देने की कोशिश में इस्तेमाल हो रही थीं।
रेलवे की जांच में पाया गया कि कई एजेंट और कुछ सॉफ्टवेयर समूह बॉट्स के जरिए टिकट बुकिंग में हस्तक्षेप कर रहे थे।
ऐसे सभी खातों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लॉक कर दिया गया है।
अब टिकट बुकिंग और सुरक्षित — नई एंटी-बॉट तकनीक लागू
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में “एंटी-बॉट सिस्टम” सक्रिय कर दिया है।
इस तकनीक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक यात्री ही टिकट बुक कर सके
कोई भी ऑटोमेटेड स्क्रिप्ट या बॉट IRCTC के सर्वर में लॉगिन न कर सके बुकिंग के दौरान सर्वर पर अनावश्यक लोड कम हो
टिकट ब्लैकमार्केटिंग पर रोक लगे
रेलवे ने बताया कि यात्रा की मांग बढ़ने के साथ तत्काल टिकट बुकिंग में बॉट्स का दखल बढ़ गया था, जिससे आम यात्री को टिकट नहीं मिल पाता था। नई तकनीक इस समस्या पर सीधा प्रहार करती है।
क्या बदलेगा यात्री के लिए?
नई प्रणाली लागू होने के बाद आम यात्रियों को कई फायदे मिलेंगे—
तत्काल टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी, वेबसाइट की स्पीड और स्थिरता पहले से बेहतर होगी।
फर्जी एजेंटों द्वारा प्रीमियम में टिकट बेचने पर बड़ा असर पड़ेगा, लॉगिन प्रक्रिया और सत्यापन और सख्त होगा।
रेलवे का लक्ष्य : 100% पारदर्शी टिकटिंग सिस्टम
भारतीय रेलवे अब डिजिटल टिकटिंग व्यवस्था को पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और दुरुपयोग मुक्त बनाने के लिए कई नई पहलें कर रहा है।
रियल-टाइम मॉनिटरिंग फर्जी अकाउंट की पहचान के लिए AI आधारित सिस्टम
टिकट बुकिंग के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा चरण संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई।
रेलवे का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि कोई भी नेटवर्क, सॉफ्टवेयर या एजेंट यात्री टिकटों की अवैध बिक्री न कर सके।
भारतीय रेलवे की यह पहल आम यात्रियों को राहत देने, ब्लैकमार्केटिंग रोकने और टिकटिंग सिस्टम को डिजिटल रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई तकनीक यह सुनिश्चित करेगी कि टिकट वही बुक करे जो वास्तव में यात्रा करना चाहता है।




