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उत्तर प्रदेश

ब्लैकमेलिंग के जाल में फँसे इंस्पेक्टर अरुण राय — सिपाही मीनाक्षी शर्मा की गिरफ्तारी से खुलने लगी परत-दर-परत सच्चाई

ब्लैकमेलिंग के जाल में फँसे इंस्पेक्टर अरुण राय — सिपाही मीनाक्षी शर्मा की गिरफ्तारी से खुलने लगी परत-दर-परत सच्चाई
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

उरई (जालौन), उत्तर प्रदेश।

कुठौंद थाने के इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की रहस्यमयी मौत का मामला अब बेहद उलझता जा रहा है। महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ दर्ज किए गए हत्या व ब्लैकमेलिंग के आरोपों ने पुलिस विभाग के भीतर हलचल मचा दी है। अब जांच में ऐसे-ऐसे खुलासे सामने आ रहे हैं, जिन्होंने इस केस को आत्महत्या से आगे जाकर हत्या और साजिश की दिशा में मोड़ दिया है।

घटना की रात क्या हुआ था

शुक्रवार देर रात इंस्पेक्टर अरुण राय अपने सरकारी आवास में गोली लगने से मृत मिले। उसी समय मौजूद सिपाही मीनाक्षी चीखते हुए बाहर निकली और बताया कि SHO ने खुद को गोली मार ली है। मगर कुछ ही मिनटों बाद वह जगह छोड़कर गायब हो गई, जिसने संदेह को और गहरा किया।

फोरेंसिक साक्ष्यों और मोबाइल रिकॉर्ड की जांच में कई विसंगतियाँ सामने आने पर पुलिस ने रविवार को मीनाक्षी को गिरफ्तार कर लिया। विभागीय कार्रवाई के तहत SP ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया।

100 से अधिक कॉल, आपत्तिजनक रिकॉर्डिंग और रिश्तों के दावे

जांच में खुलासा हुआ कि पिछले तीन दिनों में मीनाक्षी और अरुण राय के बीच 100 से ज्यादा कॉल व वीडियो कॉलिंग हुई थी। पुलिस को उसके मोबाइल फोन से कुछ रिकॉर्डिंग्स भी मिली हैं, जिनके आधार पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि मीनाक्षी दस से अधिक लोगों से लगातार संपर्क में थी, जिनमें ज्यादातर पुलिस विभाग से जुड़े नाम बताए जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी का नाम आधिकारिक रूप से उजागर नहीं किया गया है।

संदेह गहराता है — कार से आई या बस से?

जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि घटना वाले दिन मीनाक्षी मेरठ से एक सिपाही के साथ कार में उरई आई थी, जबकि पूछताछ में उसने दावा किया कि वह बस से आई थी। बयान और सबूतों में यह विरोधाभास पुलिस को गहरे स्तर पर सवालों की ओर ले जा रहा है।

रात में SHO के आवास पर क्यों पहुँची थी मीनाक्षी?

यह सबसे बड़ा प्रश्न है जिसका ठोस जवाब अभी तक नहीं मिला।

सूत्रों के अनुसार पूछताछ में मीनाक्षी ने इंस्पेक्टर के साथ संबंध होने की बात स्वीकार की, लेकिन ब्लैकमेलिंग के आरोप को सिरे से नकार दिया।

कॉल रिकॉर्डिंग में मिले कुछ संवादों के बाद विभाग में खलबली मची हुई है।

कोर्ट पेशी — पिता का भरोसा

रविवार शाम पुलिस ने मीनाक्षी को कोर्ट में पेश किया।

कोर्ट परिसर में मीडिया और पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच उसके पिता ने कार में बैठते समय कहा—

“लाली, टेंशन मत ले… जल्द छुड़ा लेंगे।”

उनके यह बोलते ही मीनाक्षी कुछ क्षण के लिए गुमसुम हो गई। पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया।

जेल की पहली रात — बेचैनी और खामोशी

जेल अधिकारियों के मुताबिक, मीनाक्षी ने पहली रात करवटें बदलते हुए गुजारी, ठीक से सो नहीं सकी।

सुबह उठने के बाद उसने सामान्य दिनचर्या अपनाई और महिला बैरक में मौजूद कैदियों से बातचीत की। जेल प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से उस पर विशेष निगरानी रखी है।

मीनाक्षी का व्यक्तित्व — लग्जरी लाइफ और अलग-थलग व्यवहार

कुछ पुलिसकर्मियों के अनुसार वह टीम में घुलती-मिलती नहीं थी और आई-फोन से व्यस्त रहने की आदत के कारण चर्चाओं में रहती थी।

उसकी लाइफस्टाइल और आर्थिक साधन भी अब जांच के दायरे में हैं, क्योंकि चर्चा है कि शादी उसकी फरवरी 2026 को तय थी और हाल-फिलहाल वह काफी खर्चीले तौर-तरीकों में दिख रही थी।

अब सबसे बड़े सवाल

क्या इंस्पेक्टर पर ब्लैकमेलिंग का दबाव इतना बढ़ गया था कि घटना घटी?

क्या यह आत्महत्या थी, हत्या या सोची-समझी साजिश?

मोबाइल रिकॉर्डिंग्स में क्या है?

जिन 10 लोगों से संपर्क था, क्या वे भी इस केस के हिस्से हैं?

जांच एजेंसियाँ मोबाइल डेटा, डिजिटल साक्ष्य और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर मामले की सच्चाई जल्द सामने लाने की तैयारी में जुटी हैं।

यह मामला पुलिस महकमे में नैतिकता, सिस्टम की कमजोरी और आंतरिक भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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