विदेशी मुद्रा ठगी गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार - फिल्म इंडस्ट्री का नाम लेकर व्यापारी से लाखों की ठगी, कई राज्यों में फैला नेटवर्क

रिपोर्ट : विजय तिवारी
नई दिल्ली / कोलकाता। विदेशी करेंसी लेन-देन के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के कथित सरगना कृष्णा कुमार शर्मा को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ कोलकाता के शेक्सपीयर सारणी (Shakespeare Sarani) थाना क्षेत्र में दर्ज एक गंभीर FIR के साथ-साथ देशभर में कई और मामलों में शिकायतें हैं। लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस ने विशेष तकनीकी निगरानी और जाल बिछाकर दबोचा।
कौन है आरोपी?
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और पहले इवेंट मैनेजमेंट और फिल्म प्रोडक्शन का काम करता था। बताया जाता है कि उसने 2017 में अपनी कंपनी शुरू की थी और कुछ समय तक मनोरंजन जगत से जुड़ी गतिविधियों में भी शामिल रहा। बाद में व्यवसाय में भारी नुकसान होने पर उसने विदेशी मुद्रा व्यापार का झांसा देकर ठगी का रास्ता अपनाया।
ठगी का तरीका — भरोसा जीतने की प्रोफेशनल चाल
पुलिस जांच के मुताबिक, गिरोह एक योजनाबद्ध प्रक्रिया के तहत काम करता था।
आरोपी खुद को फिल्म इंडस्ट्री, सेलिब्रिटी मैनेजमेंट और अंतरराष्ट्रीय कारोबारी के रूप में पेश करता था।
पैसे वालों और बड़े व्यापारियों को अपने संपर्क में लाने के लिए फाइव-स्टार होटल और आलीशान लोकेशन का इस्तेमाल करता।
मुद्रा परिवर्तन का सौदा ऐसे माहौल में किया जाता मानो यह आधिकारिक और सुरक्षित प्रक्रिया हो।
शुरुआत में छोटे लेन-देन सही तरीके से कर विश्वास बनाया जाता।
पीड़ित को विदेशी मुद्रा बेचने-खरीदने की आकर्षक दरें दिखाकर बड़ी राशि जमा करवाई जाती।
फिर बैक-एग्जिट रास्ते का इस्तेमाल कर पूरा गिरोह मौके से फरार हो जाता।
ताज़ा मामला — व्यापारी से लाखों की ठगी
कोलकाता के एक बड़े व्यापारी ने पुलिस में शिकायत दी थी कि आरोपी कृष्णा ने उसे विदेशी करंसी उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया। पीड़ित से :
USD 15,000
Euro 1,000
की राशि ली गई, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ₹14.5 लाख के बराबर होती है। रकम लेने के बाद आरोपी गायब हो गया। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने अदालत से गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करवाया था।
देशभर में फैला नेटवर्क -
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह :
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और कई बड़े शहरों में सक्रिय था।
व्यापारियों, फॉरेक्स डीलरों, और विदेशी निवेश से जुड़े लोगों को निशाना बनाता था।
नकली पहचान, कई मोबाइल नंबर, अलग-अलग सिम-कार्ड और फर्जी पता-प्रमाणों का इस्तेमाल करता था।
होटल बुकिंग और टिकट नकद में कराकर डिजिटल ट्रेल से बचने की रणनीति अपनाता था।
गिरफ्तारी कैसे हुई -
दिल्ली क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी अपने संपर्कों से मिलने दिल्ली-उत्तम नगर इलाके में पहुंचने वाला है। पुलिस टीम पहले से तैयार थी और उसे बिना किसी विवाद के पकड़ा गया। उसके कब्जे से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम-कार्ड और दस्तावेज
जब्त किए गए हैं, जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ रही है।
पुलिस का बयान -
पुलिस अधिकारियों के अनुसार :
“आरोपी से पूछताछ जारी है। ठगी में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। संभावना है कि और पीड़ित लोग सामने आएंगे। यह संगठित वित्तीय अपराध का मामला है, जिसके कई पहलुओं का पता लगाया जा रहा है।”
क्यों बना यह मामला देशभर की पुलिस के लिए सिरदर्द
ठगी का तरीका अत्यंत पेशेवर और अच्छी योजना पर आधारित था।
आरोपी लगातार लोकेशन और पहचान बदलता था।
शिकायत दर्ज होने के बाद महीनों तक फरार रहा।
हाई-प्रोफाइल लोकेशन और फिल्म इंडस्ट्री का नाम इस्तेमाल कर विश्वसनीयता बनाई।
आगे की कार्रवाई -
आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड ली जाएगी।
पुलिस उसके बैंक खातों, वित्तीय लेन-देन और डिजिटल डाटा की फॉरेंसिक जांच कर रही है।
गिरोह के अन्य साथियों और प्रभावित पीड़ितों की पहचान की जा रही है।
यह मामला एक ऐसी संगठित ठगी का उदाहरण है, जिसमें उच्च-स्तरीय प्रस्तुति और भरोसे के माहौल का उपयोग कर बड़े व्यापारियों को निशाना बनाया गया। अब गिरफ्तारी के बाद संभावना है कि ठगी का पूरा नेटवर्क पुलिस के हाथ लगेगा और करोड़ों की धोखाधड़ी को उजागर किया जा सकेगा।




