देशभर में इंडिगो का संचालन चरमराया, यात्रियों में हाहाकार - हजारों उड़ानें रद्द, यात्रियों में अफरा-तफरी

रिपोर्ट : विजय तिवारी
400 से 550 से अधिक फ्लाइट्स रोज रद्द — एयरपोर्टों पर अफरा-तफरी, DGCA सख्त, एयरलाइन ने मांगी राहत
भारत के लगभग सभी प्रमुख और क्षेत्रीय हवाई अड्डों पर इन दिनों निजी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन गंभीर संकट में है। लगातार उड़ानों के रद्द होने और घंटों की देरी के कारण यात्री भारी असुविधा झेल रहे हैं। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन होने के नाते इस अव्यवस्था का असर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, गोवा, नागपुर और अन्य बैक-टू-बैक एयरपोर्ट्स तक फैला हुआ है।
पिछले कुछ दिनों में इंडिगो ने 400 से 550 से अधिक उड़ानों को रोज रद्द किया, जबकि नवंबर से अब तक कुल रद्द उड़ानों की संख्या 1,200 से ऊपर पहुंच चुकी है। कई एयरपोर्टों पर रातभर यात्रियों को फर्श-कुर्सियों और सीढ़ियों पर बैठकर इंतजार करना पड़ा, जबकि कुछ स्थानों पर यात्रियों और स्टाफ के बीच तीखी बहसबाजी और सुरक्षा बलों की दखल तक की नौबत आई।
कैसे शुरू हुआ संकट
इस परिचालन संकट की मुख्य वजह हाल ही में लागू किए गए नए क्रू-ड्यूटी नियम (FDTL – Flight Duty Time Limitations) हैं, जिनके तहत पायलट और क्रू के काम और आराम के समय को सख्ती से सीमित किया गया है।
नियम लागू होने के बाद क्रू-उपलब्धता तेजी से कम हुई और उड़ानों की शेड्यूलिंग असंतुलित हो गई। कई विमान क्रू अभाव के कारण ग्राउंड पर खड़े रहे, और इंडिगो अपना नेटवर्क बैलेंस नहीं कर सकी।
एयरलाइन ने स्वीकार किया कि शेड्यूल-प्लानिंग और क्रू-रोस्टरिंग में गलत अनुमान और तैयारियों की कमी के चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई। तकनीकी व्यवधान, एयरपोर्ट स्लॉट और मौसम संबंधी चुनौतियों ने इसे और बिगाड़ दिया।
एयरपोर्टों पर हाहाकार
हजारों यात्री रद्द या अनिश्चित उड़ानों के बीच फंसे रहे
बैगेज और रिफंड काउंटरों पर लंबी कतारें, इंतजार घंटों तक
कई यात्रियों की कनेक्टिंग फ्लाइट, होटल बुकिंग, बिज़नेस-मीटिंग, मेडिकल अपॉइंटमेंट और निजी कार्यक्रम बाधित
सोशल मीडिया पर शिकायतों और गुस्से की बाढ़
CISF और एयरपोर्ट-प्रबंधन को भीड़ संभालने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ी
कई यात्रियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा —
“जब पहले से पता था कि फ्लाइट रद्द होगी, तो चेक-इन क्यों करवाया गया?”
सरकार और DGCA की भूमिका
बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो से विस्तृत एक्शन-प्लान, दैनिक प्रगति रिपोर्ट और सुधार रणनीति मांगी है।
DGCA संकट की हर गतिविधि पर निगरानी रख रहा है और पूछा है कि इतनी बड़े पैमाने पर व्यवधान से पहले यात्रियों को पारदर्शी रूप से क्यों नहीं बताया गया।
उधर, इंडिगो ने यात्रियों से सार्वजनिक माफी मांगते हुए कहा है कि परिचालन स्थिर करने के लिए आंतरिक उपाय शुरू किए जा रहे हैं। एयरलाइन ने संकेत दिया है कि वह उड़ानों की संख्या अस्थायी रूप से घटाकर नेटवर्क स्थिर करने की रणनीति अपना रही है।
कंपनी का दावा है कि 10 फरवरी 2026 तक स्थिति सामान्य करने का लक्ष्य रखा गया है।
आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि -
अगले कुछ सप्ताह यात्रियों के लिए कठिन बने रह सकते हैं
शेड्यूल पुनर्गठन और क्रू उपलब्धता सुनिश्चित करने में समय लगेगा
यात्री बार-बार लाइव स्टेटस चेक करें, SMS/Email अलर्ट सक्रिय रखें
आवश्यक न हो तो यात्रा कुछ समय के लिए आगे बढ़ाने पर विचार करें
इंडिगो का यह संकट भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक चेतावनी संकेत बन गया है।
एक बड़े पैमाने पर उत्पन्न हुई यह अव्यवस्था सिर्फ एक एयरलाइन की समस्या नहीं — बल्कि विमानन प्रणाली की तैयारी, प्रबंधन और पारदर्शिता की परीक्षा है।
अब पूरा देश इस बात पर नज़र लगाए हुए है कि इंडिगो और DGCA मिलकर यात्रियों का भरोसा कितनी जल्दी और कितनी मजबूती से वापस लौटा पाते हैं।




