डायरी और सुसाइड नोट में टूटते रिश्तों की पीड़ा उजागर — पोस्ट-मॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट पर टिकी सच्चाई

रिपोर्ट : विजय तिवारी
कमला पसंद मालिक की बहू दीप्ति चौरसिया की संदिग्ध मौत
रिश्तों में तनाव, प्रताड़ना और अवैध संबंधों के आरोपों के बीच पुलिस जांच तेज — डायरी और सुसाइड नोट से रिश्ते में दरार का संकेत, पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार
दक्षिणी दिल्ली के पॉश वसंत विहार स्थित एक आलीशान बंगले में रविवार देर रात दीप्ति चौरसिया (40) का शव फंदे से लटका हुआ मिलने के बाद कमला पसंद–राजश्री पान मसाला समूह के मालिक कमल किशोर चौरसिया के परिवार में सनसनी फैल गई। घटना के बाद से उद्योग जगत और सामाजिक दायरे में गहरा आक्रोश और हैरानी है।
पुलिस ने मौके से एक डायरी और सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें भावनात्मक टूटन, पारिवारिक तनाव, भरोसे की कमी और गहरे मानसिक दबाव का संकेत मिलता है। हालांकि, नोट में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिखा है, जिससे जांच और भी जटिल हो गई है।
कौन थीं दीप्ति चौरसिया
दीप्ति, कमला पसंद समूह के मालिक कमल किशोर चौरसिया की बहू थीं।
उनके पति हरप्रीत चौरसिया, पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हुए बताए जाते हैं।
2010 में शादी, और 14 वर्षीय बेटा, जो घटना के समय घर पर मौजूद नहीं था।
परिवार का बिजनेस देश के प्रमुख पान मसाला उद्योगों में शामिल है और सामाजिक व व्यावसायिक रूप से अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है।
घटना का क्रम
घटना के समय घर पर केवल घरेलू स्टाफ मौजूद था, परिवार के अन्य सदस्य बाहर थे।
स्टाफ ने जब दरवाजा खटखटाया और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो अंदर जाकर देखा — दीप्ति फंदे पर लटकी थीं।
अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
प्रारंभिक दृष्टि में आत्महत्या, लेकिन सभी संभावनाएँ खुली रखी गई हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा
पुलिस ने :
डायरी, सुसाइड नोट, मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और CCTV फुटेज जब्त किए,
फोरेंसिक टीम ने मौके की जांच कर कई नमूने सील किए,
स्टाफ, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ शुरू कर दी है,
कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), चैट्स और ईमेल डेटा की जांच की जा रही है।
कानूनी जांच के तीन प्रमुख आधार :
संभावित धाराएं स्थिति -
306 IPC (आत्महत्या के लिए उकसाना) जांचाधीन
498A IPC (घरेलू हिंसा / क्रूरता) आरोपों पर तथ्य संग्रह
302 IPC (हत्या) संदिग्ध तथ्य मिले तो लागू
पुलिस का बयान :
“रिपोर्टों और डिजिटल साक्ष्यों के बाद ही वास्तविक परिस्थिति स्पष्ट होगी।”
मृतका के भाई का गंभीर आरोप
दीप्ति के भाई रिषभ चौरसिया ने मीडिया के सामने कहा :
“दीप्ति लंबे समय से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल रही थी।”
“पति के कथित अवैध संबंध लगातार विवाद का कारण थे।”
“तनाव के चलते वह कई बार मायके आईं, लेकिन समझौते के दबाव में वापस गईं।”
उन्होंने सवाल उठाया :
“यह आत्महत्या है या हत्या? इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए, हम सिर्फ न्याय चाहते हैं।”
कमला पसंद परिवार का पक्ष
परिवार के वकील द्वारा स्पष्ट किया गया :
आरोप निराधार और तथ्यहीन,
सुसाइड नोट में किसी का नाम नहीं, इसलिए सीधे आरोप गलत,
घटना के समय पति-पत्नी घर पर नहीं थे,
परिवार कानून पर विश्वास करता है और जांच में पूरा सहयोग देगा।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
यह मामला समाज के लिए कई गंभीर प्रश्न छोड़ता है :
भौतिक समृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा भीतर चल रही भावनात्मक टूटन को नहीं छुपा सकती।
बड़े से बड़े घर में भी डर, अविश्वास और संवाद का अभाव, रिश्तों को घातक मोड़ पर ले जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक संवाद और भावनात्मक सहारा आज सबसे बुनियादी जरूरत है।
मामला अत्यंत संवेदनशील और अभी जांचाधीन है।
न तो आत्महत्या का निष्कर्ष अंतिम है,
न हत्या या प्रताड़ना के आरोप सिद्ध।
सच्चाई जल्द ही पोस्ट-मॉर्टम, फोरेंसिक और डिजिटल एविडेंस रिपोर्ट के बाद सामने आएगी।




