नीले ड्रम हत्याकांड में नया मोड़: पत्नी मुस्कान ने जेल में बेटी को जन्म दिया, परिवार ने पूछा—बच्चा सौरभ का या साहिल का? डीएनए टेस्ट की मांग तेज

रिपोर्ट : विजय तिवारी
मेरठ के बहुचर्चित नीले ड्रम हत्याकांड में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ कुमार राजपूत की हत्या के आरोप में जेल में बंद उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने शनिवार शाम मेडिकल कॉलेज में एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। जन्म के तुरंत बाद परिवार और सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा सवाल तैरने लगा—
“बच्चा किसका है?”
खास बात यह भी है कि जिस दिन मुस्कान ने बेटी को जन्म दिया, उसी दिन सौरभ का जन्मदिन था, जिसने पूरे मामले को और चर्चित बना दिया है।
लंदन से लौटे अफसर की 3 मार्च को हत्या
जांच के मुताबिक, लंदन से शिप ड्यूटी पूरी कर भारत लौटे मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ कुमार राजपूत की हत्या 3 मार्च की रात घर में ही कर दी गई। आरोप है कि उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने बॉयफ्रेंड साहिल शुक्ला उर्फ मोहित के साथ मिलकर उसकी हत्या की।
संबंधों की कड़वाहट, आर्थिक तनाव और साहिल से बने रिश्ते को इस हत्या की वजह माना जा रहा है। हत्या के बाद दोनों ने मिलकर सौरभ के शव को नीले प्लास्टिक ड्रम में भरकर घर में ही छिपा दिया। बदबू फैलने पर मामला सामने आया और पूरा देश इसे “नीले ड्रम केस” के नाम से जानने लगा।
जेल से अस्पताल, फिर नॉर्मल डिलीवरी
गर्भवती मुस्कान को प्रसव पीड़ा बढ़ने पर जेल प्रशासन ने उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजा, जहाँ चिकित्सकों की टीम ने शनिवार शाम करीब 6:50 बजे नॉर्मल डिलीवरी कराई। नवजात का वजन लगभग 2.5 किलो बताया गया है और डॉक्टरों के मुताबिक माँ-बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।
यह मुस्कान की दूसरी बेटी है। पहली बेटी फिलहाल सौरभ के परिवार के पास है।
सबसे बड़ा सवाल—पितृत्व किसका?
मुस्कान की गिरफ्तारी के दौरान ही वह गर्भवती पाई गई थी। इसी कारण नवजात के जन्म के बाद विवाद गहरा गया है।
सौरभ के परिजनों ने साफ कहा है:
“हम बच्ची का डीएनए टेस्ट कराएंगे। सच सामने आना चाहिए।”
परिवार का यह भी दावा है कि सौरभ अपनी पत्नी की कथित अवैध संबंधों से पहले ही परेशान चल रहा था। अब बच्ची के जन्म ने मामले को एक कानूनी और सामाजिक उलझन में बदल दिया है।
परिवार पर सामाजिक दबाव, घर बेचने की नौबत
सौरभ की हत्या के बाद मुस्कान के परिवार को लगातार सामाजिक बहिष्कार और आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि परिजनों को घर तक बेचने की स्थिति में आना पड़ा, क्योंकि मोहल्ले में रहना मुश्किल हो गया था।
कानूनी मोर्चे पर आगे क्या?
डीएनए टेस्ट की कार्रवाई जल्द ही शुरू हो सकती है, जिसके लिए कोर्ट की अनुमति आवश्यक होगी।
पुलिस केस की आगामी सुनवाई में जन्म और परिस्थिति से जुड़ी रिपोर्ट पेश की जा सकती है।
मुस्कान को कुछ दिनों अस्पताल में चिकित्सा निगरानी में रखा जाएगा, उसके बाद उसे फिर जेल भेजा जाएगा।
बच्ची के संरक्षण और सुरक्षा को लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
मामले में संभावित नया मोड़
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, डीएनए रिपोर्ट इस केस के रिश्तों, हत्या के उद्देश्यों और घटना से जुड़ी मनोवैज्ञानिक तस्वीर को और स्पष्ट कर सकती है। हालांकि इससे हत्या के अपराध के तथ्य सीधे प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन सामाजिक धारणा और परिवारिक विवाद पर इसका असर काफी गहरा हो सकता है।




