“जहाँ श्रीमद् भागवत की धारा बहती है, वहाँ स्वयं भगवान का वास होता है” — महंत प्रेम गिरी जी महाराज

सिद्धनाथ महादेव मठ मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के पंचम दिवस पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी जी महाराज का आगमन, भक्ति–भाव और दिव्य अनुष्ठानों से गुंजायमान हुआ धाम
आनन्द गुप्ता
बहराइच।
पौराणिक एवं सिद्धपीठ श्री सिद्धनाथ महादेव मठ मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का पंचम दिवस दिव्य आध्यात्मिक वातावरण के बीच अत्यंत भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। कथा में आज मुख्य अतिथि के रूप में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी जी महाराज का आगमन हुआ, जिनके स्वागत में पूरा परिसर हरिनाम संकीर्तन से गूंज उठा।
पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी श्री रवि गिरी जी महाराज ने परंपरागत विधि से पूजन एवं माल्यार्पण कर पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर प्रांगण में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे कथा स्थल में दिव्यता और भक्तिभाव का अद्भुत संगम दिखाई दिया।
व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए स्वामी श्री रवि गिरी जी महाराज ने कहा कि “परमात्मा ही सत्य है और सत्य ही नारायण है। जीवन को पवित्र और सफल बनाने के लिए प्रत्येक मनुष्य को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए।”
आज के प्रसंग में श्री गोवर्धन लीला का अत्यंत मार्मिक और भावपूर्ण वर्णन हुआ, जिसे सुनकर भक्तों में कई बार भाव-विभोर कर देने वाली जयकारों और हरिनाम की गूंज उठी।
आयोजन में जूना अखाड़े के सचिव श्री आदित्य गिरी जी महाराज, थानपति महंत हृदेश गिरी जी, महंत उमाकांत गिरी जी, महंत श्रवण गिरी जी, महंत अमृत गिरी जी महाराज सहित अनेक संतों की गौरवमयी उपस्थिति रही, जिन्होंने अपने आशीर्वचन से श्रद्धालुओं को अभिभूत किया।
कथा के यजमान श्री कमला गुप्ता द्वारा यज्ञीय अनुष्ठानों का विधिवत निर्वहन किया गया, जिससे पूरे कार्यक्रम में सतत आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार बना रहा।
आयोजकों ने बताया कि सप्ताह भर चलने वाली कथा में आगामी दिनों में रासलीला, भक्त प्रह्लाद चरित्र, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे मनोहारी प्रसंगों का दिव्य वर्णन किया जाएगा।




