किताबों से आगे बढ़े भठही राजा के बच्चों के कदम, किया ज्ञान-गंगा का अनुभव

कुशीनगर।
हाटा शिक्षा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय भठही राजा के छात्र-छात्राओं ने एक अनूठे शैक्षणिक भ्रमण के दौरान किताबों से परे उस जीवंत शिक्षा को महसूस किया, जो इतिहास, प्रकृति और वास्तविक अनुभवों के रूप में सीख को हमेशा के लिए स्मृतियों में दर्ज कर देती है। 70 विद्यार्थियों के इस दल ने महर्षि वाल्मीकि आश्रम सहित कई धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों का अवलोकन कर ज्ञान को नए आयाम दिए।
शैक्षणिक भ्रमण की शुरुआत पवन दुबे द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई। बच्चों ने लव-कुश की शिक्षा स्थली माने जाने वाले वाल्मीकि आश्रम, माता सीता के अंतिम पवित्र स्थल, त्रिवेणी बांध (भारत-नेपाल सीमा), पर्वत, जंगल, झरनों और स्थानीय जैव-विविधता का साक्षात्कार किया। इन स्थलों पर पहुंचकर विद्यार्थियों को इतिहास और पुराणों से जुड़े प्रसंगों को प्रत्यक्ष रूप से समझने का अवसर मिला।
भ्रमण के दौरान बच्चों ने केले व गन्ने की खेती, सिंचाई पद्धति, स्थानीय फसलों, नदी में पाई जाने वाली चेपुआ मछली के बारे में जाना। साथ ही शुगर मिल में गन्ने से चीनी बनने की प्रक्रिया को करीब से देखकर विद्यार्थियों ने उद्योगों के व्यावहारिक स्वरूप को समझा। इन अनुभवात्मक गतिविधियों ने छात्रों में जिज्ञासा, समझ और सीखने की नई सोच विकसित की।
विद्यालय को हाटा बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्राप्त 40 हजार रुपये के पुरस्कार के उपलक्ष्य में प्रधानाध्यापक राजीव नयन द्विवेदी ने इस शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया। इसमें वही छात्र शामिल हुए जिन्होंने राष्ट्रीय आय आधारित परीक्षा में सफलता पाई थी तथा जो प्रतिदिन 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कर अनुशासन और परिश्रम का उदाहरण बने हुए हैं।
भ्रमण के शुभारंभ अवसर पर पवन दुबे, पी. जैन (प्रबंध निदेशक, न्यू वेज पब्लिक स्कूल, तरकुलवा देवरिया), प्रधानाध्यापक राजीव नयन द्विवेदी, सहायक अध्यापक प्रवीण राव, अमित कुमार सिंह, तेजप्रताप सिंह, वीरेन्द्र कुमार गुप्त, राकेश कुमार पासवान, रसोइया शमशीरा देवी सहित विद्यालय के कई कर्मी उपस्थित रहे।
प्रधानाध्यापक राजीव नयन द्विवेदी ने बताया कि इस प्रकार का अनुभवात्मक शिक्षण बच्चों में आत्मविश्वास, जिज्ञासा और व्यावहारिक समझ को बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी है। यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए जीवनभर याद रहने वाली प्रेरणा बन गया।




