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उत्तर प्रदेश

लोक संस्कृति में रंगी गौरैया महोत्सव की दूसरी शाम

लोक संस्कृति में रंगी गौरैया महोत्सव की दूसरी शाम
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लखनऊ, 15 नवम्बर।

गौरैया संस्कृति महोत्सव की दूसरी शाम लोकगीतों, नृत्य और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के रंग में सराबोर रही। कार्यक्रम का आयोजन एम्फीथियेटर, लोहिया पार्क गोमतीनगर में गौरैया संस्कृति संस्थान द्वारा संस्कृति विभाग एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से किया गया।

संध्या की शुरुआत बच्चों और युवाओं की मनमोहक प्रस्तुतियों से हुई। सुर सागर संस्थान के बच्चों ने चौमासा लाग्यो रे पर नृत्य कर दर्शकों की तालियाँ बटोरीं। इससे पहले गार्गी ने गणेश वंदना— गाइये गणपति जग वंदन प्रस्तुत कर माहौल भक्तिमय बनाया। सुर सागर के ही बच्चों ने मैं राधा तू श्याम पर समूह नृत्य किया, जबकि शिव संस्कृति कला फाउंडेशन के बच्चों ने समूहगान हम बच्चे... से संदेशपूर्ण प्रस्तुति दी।

मीठू राय ने सावन की बरसे बदरिया कजरी और राम नाम जपियो भजन से श्रोताओं को भाव-विभोर किया। कार्यक्रम में महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने बच्चों को सम्मानित किया।

सांस्कृतिक संध्या में यामिनी पाण्डेय ने विनती सुन लो हमार से प्रस्तुति का शुभारम्भ किया तथा राहों पे नजर रखना, तुम अपना रंजोगम गजल के बाद मैं तो सारी रतिया न सोई ननदी गीत से समापन किया। दिल्ली से आईं माधुरी मधुकर झा व मधुरम वृंद के कलाकारों ने वक्रतुण्ड महाकाय से लेकर जय राधा जय कुंज बिहारी, डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे और अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम् जैसी मनभावन प्रस्तुतियाँ दीं।

कार्यक्रम का संचालन देशदीपक मिश्र ने किया। अंतिम प्रस्तुति अयोध्या से आई संगीता आहूजा की टीम द्वारा पुत्रकामेष्टि यज्ञ पर आधारित मुखौटा-नृत्य नाटिका रही, जिसने दर्शकों को विशेष रूप से प्रभावित किया।

शाम के अंत में वरिष्ठ उप-शास्त्रीय गायक धर्मनाथ मिश्र सहित विभिन्न कलाकारों को श कस्टम जीएसटी कमिश्नर उग्रसेन द्विवेदी, रजिस्ट्रार हाईकोर्ट महेन्द्र भीष्म एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने सम्मानित किया।

रंजना मिश्रा ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि गौरैया संस्थान कई वर्षों से लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए सतत कार्य कर रहा है।

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