वडोदरा में राधा यादव का विजय उत्सव : शहर झूम उठा, जौनपुर के अजोसी गांव में भी जश्न का माहौल

रिपोर्ट : विजय तिवारी
वडोदरा / जौनपुर :
भारत को विमेंस वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत दिलाने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्पिनर राधा यादव के स्वागत में वडोदरा शहर रविवार को देशभक्ति, गर्व और उल्लास में डूब गया। एयरपोर्ट से लेकर कृगारा क्रिकेट एकेडमी तक निकले भव्य विजय रथ यात्रा जैसे रोड शो में हजारों लोग सड़कों पर उमड़ पड़े।
एयरपोर्ट पर मेयर, सांसद, पार्षदों, परिवारजनों और क्रिकेट प्रेमियों ने राधा यादव का गर्मजोशी से स्वागत किया। जैसे ही राधा एयरपोर्ट के बाहर पहुंचीं, भीड़ ने “भारत माता की जय”, “राधा राधा” और “जय नारी शक्ति” के नारों से आसमान गुंजा दिया। वडोदरा पुलिस ने पूरे मार्ग पर सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए ताकि भीड़ में कोई अव्यवस्था न हो।
राधा यादव खुली ट्रक पर सवार होकर जनता का अभिवादन स्वीकार करती रहीं। जगह-जगह फूल वर्षा, तिरंगा लहराते नागरिक और ढोल-नगाड़ों की थाप ने माहौल को देशभक्ति से भर दिया। महिलाएं, बच्चे और युवा एक स्वर में “जय हिन्द” के नारे लगाते हुए जश्न में शामिल रहे।
राधा ने अपने प्रशंसकों की टी-शर्ट पर ऑटोग्राफ दिए, बच्चों के साथ सेल्फी ली और हर किसी को मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा। उनकी बहन ने पूरे रास्ते उनका हौसला बढ़ाया, जबकि कई महिला संगठन और युवा मंडल शहरभर में जश्न का हिस्सा बने।
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रोड शो का रूट और नजारे
एयरपोर्ट सर्कल – मीरा चार रस्ता – गांधी पार्क – संगम चार रस्ता – पानी की टंकी – अंबालाल चार रस्ता , स्वामी नारायण मंदिर (कारेलीबाग) – मुक्तानंद सर्कल – आनंदनगर – अमितनगर – कृगारा क्रिकेट एकेडमी
हर स्थान पर राधा का स्वागत अनूठे अंदाज में किया गया। संगम चार रस्ता और गांधी पार्क पर युवा क्रिकेटरों ने बल्ला और गेंद उठाकर राधा के सम्मान में “सलाम क्रिकेट” की झलक पेश की। अमितनगर ब्रिज पर इतनी भीड़ उमड़ी कि कई लोग दीवारों पर चढ़कर झलक पाने की कोशिश करने लगे।
कृगारा क्रिकेट एकेडमी पहुंचते ही तो माहौल चरम पर था — पूरा मैदान फूलों से सज गया, तिरंगे झंडे लहराने लगे और “राधा राधा” के नारे गूंजते रहे। मंच पर राधा का स्वागत पुष्पमालाओं और स्मृति चिह्न से किया गया।
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संघर्ष से सफलता तक राधा यादव की प्रेरक कहानी
राधा यादव का जन्म मुंबई के कांदिवली इलाके में हुआ, जबकि उनका मूल निवास जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के मडियाहूं क्षेत्र के अजोसी गांव में है। उनके पिता ओमप्रकाश यादव फल-सब्जी, डेयरी का कारोबार करते हैं और मां गृहिणी हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन राधा की इच्छाशक्ति और मेहनत ने हर बाधा को तोड़ दिया।
एक समय ऐसा भी आया जब अंग्रेजी माध्यम के एक स्कूल ने उनकी मां के निरक्षर होने के कारण एडमिशन देने से मना कर दिया, लेकिन राधा ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद को साबित करने की ठान ली। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति लगाव और अटूट मेहनत ने उन्हें वडोदरा की कृगारा क्रिकेट एकेडमी तक पहुंचाया।
वहीं से उनके करियर ने उड़ान भरी। धीरे-धीरे उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाई और आज विश्व कप की जीत से उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया।
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मडियाहूं क्षेत्र के अजोसी गांव में जश्न और गर्व का माहौल
राधा यादव की कामयाबी ने जौनपुर जनपद के अजोसी गांव को भी उत्सव में बदल दिया है। गांव के लोग अपनी बेटी की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे। जगह-जगह ढोल-नगाड़े बजाए जा रहे हैं, मिठाइयां बांटी जा रही हैं, और हर घर में टीवी व मोबाइल पर राधा का रोड शो लाइव देखा जा रहा है।
राधा के पिता ओमप्रकाश यादव भावुक होकर कहते हैं —
> “हमारी बेटी ने परिवार ही नहीं, पूरे गांव और देश का नाम रोशन किया है। आज अजोसी की हर बेटी राधा को आदर्श मान रही है।”
गांव की महिलाओं ने मंदिरों में दीप जलाकर राधा की सफलता के लिए ईश्वर का आभार जताया, जबकि युवाओं ने पूरे गांव में तिरंगा यात्रा निकाली।
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राधा यादव का संदेश
> “यह अनुभव मेरे लिए बहुत खास है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे स्वागत में इतना बड़ा समारोह होगा। इतने लोग एक महिला क्रिकेटर के लिए सड़कों पर उतरेंगे — यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं छोटी लड़कियों से कहना चाहती हूं कि खेलो, मेहनत करो और देश के लिए वर्ल्ड कप जीतने का सपना जरूर देखो।”
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वडोदरा से लेकर जौनपुर तक गूंजा ‘जय नारी शक्ति’
राधा यादव के सम्मान में वडोदरा में दीपावली जैसे उत्सव का माहौल रहा, वहीं जौनपुर के अजोसी गांव में गर्व और खुशी की लहर छाई रही। वडोदरा ने अपनी बेटी को “भारत की शेरनी” कहा, तो जौनपुर ने “गांव की शान” बताया।
यह दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा — जब वडोदरा और जौनपुर दोनों ने एक साथ गर्व से कहा:
“जय हिन्द! जय नारी शक्ति! जय राधा यादव!”




