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उत्तर प्रदेश

विजेथुआ धाम में अब गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश पर रोक, बाहर से ही होंगे बजरंगबली के दर्शन

विजेथुआ धाम में अब गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश पर रोक, बाहर से ही होंगे बजरंगबली के दर्शन
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर समिति का महत्वपूर्ण निर्णय, कालनेमी वध स्थली की पवित्रता बनाए रखने पर दिया गया जोर

सुल्तानपुर जनपद की सीमा से सटे विजेथुआ धाम में अब श्रद्धालुओं को गर्भगृह के भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। मंदिर प्रबंधन समिति ने यह बड़ा निर्णय गुरुवार को एक विशेष बैठक में लिया। यह निर्णय न केवल श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, बल्कि गर्भगृह की पवित्रता और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के उद्देश्य से भी आवश्यक समझा गया।

विजेथुआ धाम अवध क्षेत्र का अत्यंत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों भक्त भगवान हनुमान के दर्शन हेतु पहुंचते हैं। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को यहां भारी भीड़ उमड़ती है। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि गर्भगृह के भीतर धक्का-मुक्की और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित होती है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष विवेक तिवारी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अब श्रद्धालु हनुमानगढ़ी (अयोध्या) और काशी संकटमोचन मंदिर की तरह विजेथुआ धाम में भी बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के पुजारियों ने कहा कि यह कदम भक्तों की सुरक्षा, सुविधा और मंदिर की गरिमा को बनाए रखने के लिए आवश्यक था।

कालनेमी वध स्थली के रूप में पौराणिक महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह वही स्थान है जहां त्रेता युग में भगवान हनुमानजी ने कालनेमि नामक राक्षस का वध किया था। जब लक्ष्मणजी शक्ति बाण से मूर्छित हो गए, तो सुषेण वैद्य के निर्देश पर हनुमानजी संजीवनी बूटी लाने हिमालय की ओर जा रहे थे। रास्ते में कालनेमि ने उन्हें छल से रोकने की कोशिश की, परंतु हनुमानजी ने उसके कपट को पहचान लिया और यहीं उसका वध किया। तभी से यह धाम ‘विजेथुआ कालनेमी वध स्थल’ के रूप में विख्यात हुआ।

स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि यह निर्णय यद्यपि थोड़ी असुविधा पैदा करेगा, परंतु मंदिर की पवित्रता और अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कदम सराहनीय है। मंदिर परिसर में अब बैरिकेडिंग और विशेष दर्शन व्यवस्था की जा रही है, ताकि भक्त बाहर से ही स्पष्ट और शांतिपूर्वक दर्शन कर सकें।

इसके अलावा, मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु अतिरिक्त पेयजल व्यवस्था, छाया स्थल और पार्किंग क्षेत्र के विस्तार का भी निर्णय लिया है। आगामी दिनों में यहां सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि त्योहारों और विशेष अवसरों पर भीड़ प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके।

विजेथुआ धाम प्रशासन का यह फैसला न केवल सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आस्था और अनुशासन दोनों को साथ लेकर धार्मिक स्थलों की व्यवस्था कैसे सुदृढ़ की जा सकती है।

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