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लिथुआनियाई लेखक की पुस्तक ‘अंतिम दिन’ का लोकार्पण

लिथुआनियाई लेखक की पुस्तक ‘अंतिम दिन’ का लोकार्पण
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नई दिल्ली, 30 अक्तूबर। साहित्य अकादमी का सभागार आज एक सुंदर सांस्कृतिक संगम का साक्षी बना, जब लिथुआनियाई लेखक यारोस्लावास मेलनिकस के कहानी संग्रह के हिंदी अनुवाद ‘अंतिम दिन’ का लोकार्पण हुआ।

कार्यक्रम में भारत में लिथुआनिया गणराज्य की राजदूत महामहिम दियाना मित्सकेविचेने, साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, और वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि मेलनिकस की कहानियाँ आध्यात्मिकता और दर्शन से ओतप्रोत हैं, जहाँ परिस्थितियाँ पात्रों की नियति तय करती हैं। राजदूत मित्सकेविचेने ने इस अवसर को भारत-लिथुआनिया मैत्री के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा कि “भाषा दो देशों के बीच सबसे सशक्त सेतु है।”

हिंदी अनुवादिका रेखा सेठी ने कहा कि मेलनिकस की कहानियाँ मानवीय अभावों के भीतर छिपे सौंदर्य की खोज हैं — जो भारतीय पाठकों को अपना-सा अनुभव कराएँगी। ममता कालिया ने संग्रह की कहानियों में आधुनिकता और परंपरा के संगम को रेखांकित करते हुए कहा कि इनमें विचार और संवेदना का अद्भुत संतुलन है।

अध्यक्षीय वक्तव्य में माधव कौशिक ने कहा कि मेलनिकस विज्ञान और कला को एकसूत्र में बाँधने वाले लेखक हैं, जिन्होंने यथार्थ को व्यक्त करने के लिए कल्पना का सहारा लिया है। उन्होंने अनुवादकों को समय और सीमाओं से परे ले जाने वाले सच्चे सांस्कृतिक दूत बताया।

कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र कुमार देवेश ने किया।

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