राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल जेट में भरी ऐतिहासिक उड़ान, बढ़ाया भारतीय वायुसेना का मनोबल

डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
अंबाला, 29 अक्टूबर 2025 — भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा स्थित अंबाला एयरबेस से भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। यह वही राफेल विमान था, जिसने हाल ही में चर्चित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। राष्ट्रपति की यह उड़ान न केवल एक प्रतीकात्मक सम्मान थी, बल्कि देश की सुरक्षा क्षमताओं और वायुसेना के अदम्य साहस का प्रमाण भी बनी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह उड़ान विंग कमांडर शिवांगी सिंह के साथ भरी, जो राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलटों में से एक हैं। दोनों ने लगभग 30 मिनट की उड़ान अंबाला एयरबेस से शुरू की और नियंत्रित मार्ग पर आसमान में गश्त लगाई। इस दौरान राष्ट्रपति ने कॉकपिट में भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक नेविगेशन और युद्धक तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव किया।
उड़ान के बाद राष्ट्रपति ने वायुसेना अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी कार्यप्रणाली और मिशन तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा —
> “भारतीय वायुसेना देश की सुरक्षा की सशक्त ढाल है। राफेल जैसे आधुनिक विमान हमारी सीमाओं को और सुरक्षित बनाते हैं। आज इस उड़ान के माध्यम से मैंने हमारे जवानों के साहस और समर्पण को करीब से महसूस किया।”
विंग कमांडर शिवांगी सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति की उपस्थिति ने वायुसेना के हर सदस्य को गर्व और प्रेरणा से भर दिया है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति का हमारे साथ उड़ान भरना पूरे वायुसेना परिवार के लिए गौरव का क्षण है।”
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल जेट को गिराने के साथ एक पायलट को पकड़ने का दावा किया था. सोशल मीडिया में ऐसी झूठी खबरें भी फैलाई गईं थीं कि पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ा गया है. हालांकि राफेल फाइटर पायलट शिवांगी सिंह बुधवार को अंबाला… pic.twitter.com/rbXeULEbHD
— Suryakant (@suryakantvsnl) October 29, 2025
गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं, जो वायुसेना की सामरिक शक्ति में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आए हैं। ये जेट 2,300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं और हवा से हवा तथा हवा से जमीन दोनों तरह के मिशनों में सक्षम हैं।
राष्ट्रपति की यह ऐतिहासिक उड़ान न केवल ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक बनी, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत अब रक्षा तकनीक और सैन्य पराक्रम के क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी है।
अंबाला एयरबेस पर मौजूद अधिकारियों, तकनीकी स्टाफ और जवानों ने राष्ट्रपति का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय प्रशासनिक प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
इस उड़ान को लेकर देशभर में सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति मुर्मू और विंग कमांडर शिवांगी सिंह की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोग इस पल को “भारत की गौरवगाथा का स्वर्णिम अध्याय” बता रहे हैं।




