आस्था, अनुशासन और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम अपर पुलिस आयुक्त अपराध केशव कुमार चौधरी ने परिवार संग किया सूर्योपासना, घाट पर दिया सुरक्षा और श्रद्धा का सशक्त संदेश

आनन्द गुप्ता/अनवार खाँ मोनू
गाज़ियाबाद संवाददाता।
लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा पर गाज़ियाबाद के घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्ति और अनुशासन के इस पर्व पर अपर पुलिस आयुक्त अपराध श्री केशव कुमार चौधरी ने अपनी धर्मपत्नी प्राची चौधरी और पुत्र संग पहुँचकर संध्या एवं प्रातःकालीन दोनों अर्घ्य अर्पित किए।
संध्याकाल से प्रभात तक छाई रही आस्था की छटा
सोमवार संध्या को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद मंगलवार प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उदयमान सूर्य को भी चौधरी परिवार ने सपरिवार नमन किया।
सुबह की पहली किरण जैसे ही घाट पर पड़ी, डलियों में सजे फल, नारियल, दूध और दीपों की रोशनी से पूरा वातावरण आलोकित हो उठा।
श्री चौधरी परिवार के साथ उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से छठ मइया के गीत गाए और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
परंपरागत परिधान में सुसज्जित परिवार ने जब जल में उतरकर अर्घ्य अर्पित किया, तो वह दृश्य हर किसी के हृदय में श्रद्धा का संचार कर गया।
> श्रद्धालुओं ने कहा — “अधिकार और आस्था का यह संगम छठ पूजा की पवित्रता को और गहराई से महसूस कराता है।”
भक्ति और व्यवस्था का अद्भुत मेल
पूरे घाट क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन की तैनाती अनुकरणीय रही। सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था और श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए गए। हर ओर स्वच्छता, अनुशासन और श्रद्धा का अद्भुत वातावरण था।
पूजा के उपरांत श्री चौधरी ने कहा —
> “छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह संयम, स्वच्छता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। सूर्य देव को अर्घ्य देना प्रकृति और जीवन के संतुलन के प्रति हमारी कृतज्ञता का भाव है।”
उनकी धर्मपत्नी प्राची चौधरी ने घाट पर उपस्थित महिलाओं के साथ पारंपरिक छठ गीतों में भाग लिया, वहीं पुत्र ने माता-पिता के साथ अर्घ्य अर्पित कर संस्कृति से जुड़ाव का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।
आस्था की ज्योति से आलोकित हुआ घाट
संध्याकालीन अर्घ्य से लेकर प्रातःकालीन अर्घ्य तक घाटों पर दीपों की जगमगाहट, छठ गीतों की मधुर गूंज और दूध-फल से सजी डलियों ने वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया।
श्रद्धालुओं ने सूर्य देव से अपने परिवार, समाज और देश की खुशहाली की कामना की।
“कर्तव्य और संस्कृति दोनों साथ चलें” — चौधरी
> “छठ पर्व हमें यह सिखाता है कि जीवन में अनुशासन, स्वच्छता और कर्तव्यनिष्ठा ही सच्ची पूजा है। यदि हम अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और समाज में सौहार्द बनाए रखें, तो यही आस्था की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति है।”
श्रद्धा और अनुशासन का नया अध्याय
घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु महिलाएं, पुरुष और बच्चे उपस्थित रहे। कहीं लोकगीतों की धुन गूंज रही थी, तो कहीं दीपों की पंक्तियाँ बहती जलधारा को स्वर्णिम आभा दे रही थीं।
केशव कुमार चौधरी परिवार की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि जब आस्था और प्रशासन एक साथ आगे बढ़ते हैं, तब समाज में श्रद्धा, अनुशासन और संस्कृति का नया अध्याय लिखा जाता है।




