प्रयागराज में वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह की चाकू से हत्या, आरोपी मुठभेड़ में घायल , पुलिस जांच जारी

रिपोर्ट : विजय तिवारी
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
संगम नगरी प्रयागराज शुक्रवार रात एक बार फिर भय और सनसनी से कांप उठी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह के भतीजे और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह की सिविल लाइंस इलाके में सड़क पर बेरहमी से हत्या कर दी गई।
गर्दन और पेट पर ताबड़तोड़ वार, चाचा को किया आख़िरी कॉल
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने पत्रकार पर गर्दन, पेट और हाथ पर दो दर्जन से ज़्यादा वार किए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में भी उन्होंने अंतिम क्षणों में अपने चाचा अशोक सिंह को फोन कर कंपकंपाती आवाज़ में कहा – “चाचा... बचा लीजिए!”
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस टीम ने उन्हें अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
CCTV और चश्मदीदों से मिली अहम सुराग
घटना सिविल लाइंस स्थित हर्ष होटल के पास हुई। सूचना मिलते ही पुलिस आयुक्त जोगेन्द्र कुमार और अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) डॉ. अजय पाल शर्मा मौके पर पहुँचे। कई थानों की फोर्स ने इलाके को घेर लिया और CCTV फुटेज व चश्मदीदों के बयान के आधार पर हत्यारों की पहचान की गई।
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अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया —
> “23 अक्टूबर की देर शाम सूचना मिली कि लक्ष्मी नारायण उर्फ पप्पू पर धारदार हथियार से हमला किया गया है। उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं। पुलिस ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुँचाया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
जांच में सामने आया है कि यह हमला विशाल नामक आरोपी ने अपने साथी साहिल के साथ मिलकर किया था। दोनों ने खुल्दाबाद स्थित मछली मंडी से हत्या के इरादे से चाकू खरीदा था। जब हमारी पुलिस टीम आरोपी विशाल को गिरफ्तार करने गई, तो मुठभेड़ में उसे दोनों पैरों में तीन गोलियाँ लगीं।
उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, दूसरा आरोपी साहिल फरार है, उसकी तलाश में टीमें लगी हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी इलाके में ठेले वालों से अवैध वसूली करते थे। हत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।”
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पत्रकारिता जगत में शोक और आक्रोश
पत्रकार एल.एन. सिंह लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े थे और अपने क्षेत्र में एक साहसी व निष्पक्ष पत्रकार के रूप में जाने जाते थे।
उनकी निर्मम हत्या से पत्रकार समुदाय में गहरा शोक और रोष व्याप्त है।
स्थानीय पत्रकार संगठनों ने कहा —
> “यह न केवल एक पत्रकार की हत्या है, बल्कि पत्रकार सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।”
शहर में आक्रोश और कानून व्यवस्था पर सवाल
प्रयागराज जैसे बड़े शहर में खुलेआम एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या से आम नागरिकों और पत्रकार समाज में भारी आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सिविल लाइंस जैसे सुरक्षित क्षेत्र में भी अपराधी इतने निडर हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?




