धर्मगुरुओं ने साकेतवासी महंत राममिलनदास जी को दी सच्ची श्रद्धांजलि

अयोध्या। रावत मंदिर में आज एक भव्य शोक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह आयोजन साकेतवासी महंत श्री राममिलनदास जी महाराज के आकस्मिक एवं संदिग्ध निधन पर श्रद्धांजलि स्वरूप रखा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाक चौक मंदिर के श्री महंत बृजमोहनदास जी महाराज ने की, जबकि संचालन शिक्षक नेता रामबक्श यादव द्वारा किया गया। सभा की शुरुआत महंत राममिलनदास जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके की गई, जहां अयोध्या के सभी प्रमुख धर्मगुरु, साधु-संत, भक्तगण और श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने महंत जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए करतलिया मंदिर के श्री महंत रामदास जी महाराज ने कहा कि "साकेतवासी महंत राममिलनदास जी एक निर्मल, सीधे-साधे और सच्चे संत थे। उन्होंने मंदिर के पूर्व महंत मानस कोकिल जी के मिशन को आगे बढ़ाया और मंदिर का पर्याप्त विकास किया। उनके आकस्मिक निधन से बहुत बड़ी क्षति हुई है। भगवान उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।"
हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत आनंददास जी महाराज ने कहा कि "महंत राममिलनदास जी ने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंदिर में हर साल होने वाले धार्मिक आयोजनों को उन्होंने अच्छे ढंग से संपन्न कराया। उनकी संदिग्ध मृत्यु से हम सभी अत्यंत दुखी हैं।"
अयोध्या के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पवन कुमार दास शास्त्री ने कहा, "महंत राममिलनदास जी साधुता के सच्चे प्रतीक थे। उनकी मृत्यु से अयोध्या के हर संत को गहरा दुःख पहुँचा है।"
रामनयन दास रामायणी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "अयोध्या में शोक की लहर है। महंत जी सादगी के प्रतिमूर्ति थे और मंदिर के विकास में उनकी भूमिका अमूल्य रही है। उन्होंने मंदिर के पूर्वाचार्यों के पदचिह्नों पर चलते हुए जो विकास कार्य किए, वह प्रेरणादायक है। हम सभी मिलकर मंदिर की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।"
स्वामी बालकदास जी ने कहा कि "महंत राममिलनदास जैसा संत होना दुर्लभ है। उनकी संदिग्ध मौत से जुड़े हर साधु-संत अत्यंत दुखी है।"
महंत विनोददास जी ने अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि "राममिलनदास जी की मृत्यु की जांच होनी चाहिए। यदि कोई दोषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। ऐसे संत विरले ही मिलते हैं।"
पवनदास जी ने अपने गुरु के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए कहा, "गौ सेवा, विद्यार्थी सेवा, संत सेवा, विप्र सेवा में वे हमेशा अग्रणी रहे। उनका हृदय सभी के लिए समान रूप से खुला था। उनकी मृत्यु हम सबके लिए बहुत बड़ा आघात है।"
कार्यक्रम का संचालन कर रहे रामबख्श यादव ने कहा, "महंत राममिलनदास जी के आकस्मिक और संदिग्ध निधन से साधु समाज की बड़ी हानि हुई है। वे सभी को साथ लेकर चलते थे और मंदिर के विकास में अग्रणी थे।"
इस श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों की संख्या में अयोध्या के प्रमुख धर्मगुरु, साधु-संत, मंदिर से जुड़े भक्तगण और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। सभी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर महंत कन्हैया दास, शांतनुदास,महंत अंजनीशरण, महंत मनीराम दास पहलवान, महंत हरी बंश दास पहलवान, महंत तूफान दास जी पहलवान, पहलवान इंद्रसेन, पूर्व छात्र महामंत्री साकेत अवधेश यादव, अजय यादव, अमन यादव, रामचंद्र यादव सहित सैकड़ों संत महंत भक्त श्रद्धालु एवं सम्मानित लोग उपस्थित रहे।