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लखनऊ : मोबाइल और ऑनलाइन गेमिंग की लत ने ली मां की जान, बेटे ने ही की बेरहमी से हत्या

लखनऊ : मोबाइल और ऑनलाइन गेमिंग की लत ने ली मां की जान, बेटे ने ही की बेरहमी से हत्या
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डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी

लखनऊ।

राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के बाबू खेड़ा इलाके में हुई रेनू यादव हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले में जो खुलासा हुआ, उसने सभी को झकझोर दिया — रेनू यादव की हत्या किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि उनके ही छोटे बेटे निखिल यादव (21 वर्ष) ने की थी।

ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग की लत ने निखिल को इतना अंधा कर दिया कि उसने अपनी मां तक की जान ले ली। पुलिस जांच में सामने आया कि निखिल बीए का छात्र है और लंबे समय से ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी में लिप्त था। उसने गेमिंग ऐप्स पर 50 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन किया था और इसमें भारी नुकसान उठाया।

हार के बाद उसने पैसे वापस पाने के लिए कई ऑनलाइन लोन ऐप्स से कर्ज ले लिया। कर्ज का बोझ बढ़ने लगा और लोन एजेंटों की वसूली के दबाव ने उसकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया। पैसे की किल्लत के चलते उसने घर से अपनी मां के जेवर चुरा लिए।

जब मां रेनू यादव को इस चोरी का शक हुआ और उन्होंने बेटे से सवाल किए, तो निखिल आगबबूला हो गया। गुस्से में उसने पेचकस से मां के गले और सीने पर कई वार किए, इसके बाद गैस सिलेंडर से सिर कुचलकर उनकी हत्या कर दी।

हत्या के बाद निखिल ने पुलिस और परिवार को गुमराह करने की कोशिश की। उसने पिता और मामा को फोन कर बताया कि कुछ अज्ञात बदमाश घर में घुस आए थे और उन्होंने मां की हत्या कर दी। यहां तक कि पुलिस को भी यही कहानी बताई।

हालांकि, पुलिस को निखिल के बयान पर शक हुआ। जब सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, तो उसमें निखिल हत्या के बाद बाइक से घर से जाते हुए दिखाई दिया। पुलिस ने उसकी मोबाइल लोकेशन ट्रैक की और फतेहपुर से उसे गिरफ्तार कर लिया।

जांच के दौरान पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल पेचकस, सिलेंडर और चोरी किए गए जेवर बरामद कर लिए हैं।

डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि यह घटना समाज के लिए गहरी चेतावनी है।

उन्होंने कहा, “ऑनलाइन गेमिंग अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि खतरनाक लत बन चुकी है। यह नशे की तरह युवाओं को अपने कब्जे में ले रही है और रिश्तों को तबाह कर रही है।”

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि निखिल किन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के संपर्क में था और उसके ट्रांजेक्शन किन खातों में गए।

यह घटना केवल एक दर्दनाक मां की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल और ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत के गंभीर परिणाम को भी उजागर करती है। यह चेतावनी है कि यदि युवा समय रहते इस लत पर नियंत्रण नहीं रखते हैं, तो परिवार और समाज दोनों को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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