कार्तिक मास का पुण्यकाल : विष्णु-लक्ष्मी उपासना से मिलता है मोक्ष, सुख और समृद्धि

डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
श्रद्धा और साधना का पर्व कार्तिक मास आरंभ होने को है। हिंदू धर्म में इसे मोक्ष, सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाला महीना माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस पवित्र अवधि में किया गया स्नान, दान, दीपदान और पूजा-पाठ अक्षय फल देने वाला होता है, इसलिए इसे “पुण्य मास” कहा गया है।
कार्तिक स्नान का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष कार्तिक स्नान की शुरुआत मंगलवार, 7 अक्टूबर से होगी और यह देव प्रबोधिनी एकादशी तक चलेगा। इस पवित्र काल में गंगा, सरयू और आमी नदी के तटों पर स्नान, व्रत और दान का विशेष महत्व रहेगा।
विष्णु-लक्ष्मी की भक्ति से खुलते हैं मोक्ष के द्वार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री हरि विष्णु मत्स्य रूप में जल में और वामन अवतार के रूप में पाताल लोक में निवास करते हैं। इसी कारण भक्त नदियों के तटों पर कल्पवास करते हैं और श्रीविष्णु सहस्रनाम, गीता पाठ व तुलसी पूजन द्वारा आराधना करते हैं।
कहा गया है कि जो व्यक्ति कार्तिक मास में नियमपूर्वक स्नान, दान और उपासना करता है, उसे जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति प्राप्त होती है।
धार्मिक महत्व और आध्यात्मिक लाभ
शास्त्रों में वर्णन है कि इस महीने भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, यमदेव, पीपल देव और तुलसी माता के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करना अत्यंत शुभ होता है।
नदी या सरोवर में दीप प्रवाहित करने से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति और घर-परिवार में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और जप का महत्व
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना और गंगाजल मिश्रित जल से शरीर शुद्ध कर विष्णु स्तोत्र, लक्ष्मी स्तुति या श्रीरामचरितमानस का पाठ करना अत्यंत फलदायी बताया गया है।
प्रतिदिन तुलसी की जड़ में जल अर्पित कर घी का दीप जलाना भी शुभ कर्म माना गया है।
देवप्रबोधिनी एकादशी और तुलसी विवाह
देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का विशेष महत्व होता है। यह दिवस भगवान विष्णु और तुलसी माता के पवित्र मिलन का प्रतीक है। इस दिन व्रत, दीपदान और पूजन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
दान-पुण्य से बढ़ती है पुण्य-संपदा
कार्तिक माह में प्रतिदिन गाय को गुड़-मिश्रित रोटी खिलाना, ब्राह्मणों को अन्न और वस्त्र दान देना तथा तिल का अर्पण करना पापों से मुक्ति का मार्ग माना गया है।
पंडितों के अनुसार, दीपदान के लिए तिल के तेल या देशी गाय के घी का दीपक श्रेष्ठ माना गया है।
आध्यात्मिक संदेश
कार्तिक मास केवल भक्ति और आस्था का समय नहीं, बल्कि यह लोककल्याण, आत्मशुद्धि और मोक्ष का संदेश देने वाला महीना है।
जो व्यक्ति इस मास के नियमों का पालन करता है, वह इस लोक में सुखी रहता है और परलोक में उत्तम लोक की प्राप्ति करता है।