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मुरैना : रेत माफियाओं में महिला वन अधिकारी का खौफ, तीन महीने में हुए 8 हमले ; फिर भी बिना डरे कर रहीं ड्यूटी

मुरैना : रेत माफियाओं में महिला वन अधिकारी का खौफ, तीन महीने में हुए 8 हमले ; फिर भी बिना डरे कर रहीं ड्यूटी
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मुरैना, । जिले में एक वन अधिकारी श्रद्धा पांढरे रेत माफियाओं के लिए चुनौती बन गई हैं। एसडीओ के पद पर कार्यरत ईमानदारी से और बिना डर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं और यह वजह है कि रेत माफियाओं के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। उन्हें रोकने के लिए आठ बार उनपर हमले हो चुके हैं लेकिन वो बिना डरे अपने कर्तव्य को निभा रही हैं। वे अवैध रेत के मामले में कार्रवाई और माफिया का सामना करने से पीछे नहीं हटतीं। उनका एक डेढ़ साल का बेटा भी है जिसे वो अपने नौकर के भरोसे छोड़कर दिन-रात अपनी ड्यूटी में जुटी रहती हैं। यही कारण है कि रेत माफिया उनसे ड़रे रहते हैं।

वनटीम पर हमले की शुरुआत 24 अप्रैल को आरटीओ बैरियर व वन चौकी के बीच सोलंकी पेट्रोल पंप के पास हुई थी। इस दौरान अवैध रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा गया था। इसी समय तेज रफ्तार में एक खाली ट्रैक्टर-ट्रॉली आई और उसने वन विभाग के डंपर में टक्कर मार दी। इसके बाद ट्रैक्टर पर सवार एक माफिया ने कट्टा निकाला और एसडीओ श्रद्धा की गाड़ी गोली चलाई।

इसके बाद 22 मई को रजिस्ट्रार ऑफिस के पास दूसरा हमला हुआ था, जहां अवैध रेत से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को घेराबंदी कर पकड़ा गया था। इसके बाद एक ट्रैक्टर सवार माफिया ने एसडीएओ श्रद्धा पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन वो बच गईं। तीसरा हमला 5 मई को वन विभाग के नाके पर हुआ था। वन विभाग की टीम ने अवैध रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा था। इस पर ट्रैक्टर पर सवार रेत माफिया ने एक वनकर्मी की कनपटी पर बंदूक तान दी और गोली मारने की धमकी देकर वहां से भाग निकला। इसके करीब 10 मिनट बाद ही दो रेत माफिया बाइक पर सवार होकर आए, जिन्होंने एसडीओ व वन विभाग की टीम पर ताबड़तोड़ तीन फायर कर दिए। जवाब में वन विभाग की टीम ने भी फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद रेत माफिया वहां से भाग गए। तीन जून को जतावर गांव में वनटीम पर हमला हुआ। इसके बाद देगवढ़ थाना क्षेत्र में 100 से ज्यादा रेत माफिया के गुर्गों ने वनटीम को घेरकर लाठी, बंदूक व पत्थरों से हमला किया और रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉली छीन ले गए।

देवगढ़ थाना क्षेत्र से एक किलोमीटर दूर लहोरी के पुरा गांव में भी रेत माफ‍िया के समूह ने हमला कर दिया था और अवैध रेत की ट्रैक्टर ट्रॉली को छीन कर भाग निकले थे। इस हमले में एसएएफ का एक जवान घायल हो गयाथा। यहां वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढरे अपनी टीम के साथ रात को गश्त पर निकली थी। रात सात बजे के आसप-पास उन्होंने पठानपुरा गांव के पास अवैध रेत की एक ट्रैक्टर ट्रॉली पकड़ी थी। ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर वन विभाग के कर्मचारी देवगढ़ थाने की तरफ जा रहे थे, तभी लहोरी के पुरा गांव के पास सौ से ज्यादा रेत माफियाओं ने सड़क पर झाड़ियां और पत्थर रखकर रास्ता रोक लिया।

वनकर्मियों पर हमला करके वो लोग रेत से भरी सभी ट्रैक्टर ट्रॉली छीनकर भाग निकले थे। इसी दौरान पीछे बोलेरो गाड़ी में आ रही एसडीओ श्रद्धा पांढरे की गाड़ी को घेरकर रेत माफियाओं ने लाठियों और पत्थरों से हमला कर दिया था। एसडीओ पांढरे का कहना है कि उन्होंने तत्काल सूचना देवगढ़ के थाना प्रभारी को दी थी, लेकिन 1 घंटे बाद भी महज 1 किलोमीटर दूर से कोई पुलिसकर्मी नहीं आया। इतना ही नहीं हमले के बाद भी देवगढ़ थाना प्रभारी ने उनकी कोई पूछ परख नहीं ली। एसडीओ ने इस मामले की शिकायत वरिष्ठ अफसरों से करने की कही है।

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