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गुजरात में 3 आतंकी गिरफ्तार, दो यूपी और एक हैदराबाद का रहने वाला

गुजरात में 3 आतंकी गिरफ्तार, दो यूपी और एक हैदराबाद का रहने वाला
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अहमदाबाद / श्रीनगर।

भारत की सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। गुजरात एटीएस ने एक गुप्त अभियान के तहत आईएसआईएस (ISIS) से जुड़े तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर देश में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है। गिरफ्तार आतंकियों में से दो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, जबकि तीसरा हैदराबाद से ताल्लुक रखता है।

सूत्रों के अनुसार, ये तीनों आतंकी हथियारों की अदला-बदली के लिए गुजरात के अडालज (गांधीनगर के पास) पहुंचे थे। एटीएस की विशेष टीम पिछले करीब एक साल से इस मॉड्यूल पर निगरानी रख रही थी। खुफिया जानकारी पुख्ता होते ही टीम ने इन आतंकियों को धर दबोचा।

एटीएस को इनके पास से डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप, आपत्तिजनक दस्तावेज़ और कुछ हथियारों के पुर्जे बरामद हुए हैं। शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि ये आतंकी ISIS के वैश्विक नेटवर्क से जुड़े हुए थे और भारत में एक नया ऑपरेशनल मॉड्यूल तैयार करने की कोशिश कर रहे थे।

यूपी और हैदराबाद से लिंक

जांच में सामने आया है कि दो आरोपी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं, जबकि तीसरा हैदराबाद के पुराने शहर क्षेत्र से ताल्लुक रखता है। एटीएस को आशंका है कि इनके स्थानीय संपर्क सूत्रों ने ऑनलाइन माध्यमों से आतंकवादी विचारधारा का प्रचार किया और विदेशी हैंडलर्स के निर्देशों पर देश के कई हिस्सों में स्लीपर सेल तैयार करने की साजिश रची जा रही थी।

एटीएस की सतर्क कार्रवाई

गुजरात एटीएस ने यह ऑपरेशन गुप्त रूप से अंजाम दिया। एजेंसी ने बताया कि इन आतंकियों की गतिविधियों, मोबाइल संचार, और धन के लेन-देन पर महीनों से नजर रखी जा रही थी। जैसे ही इनका गुजरात पहुंचने का पता चला, टीम ने फील्ड सर्विलांस बढ़ाया और गांधीनगर के निकट ऑपरेशन कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार —

> “हमारे लिए यह ऑपरेशन बेहद संवेदनशील था। थोड़ी भी देरी होती तो ये आतंकी हथियार हासिल कर देश के किसी बड़े शहर में हमला कर सकते थे। समय पर कार्रवाई से बड़ी तबाही टल गई।”

कश्मीर में भी आतंक पर सर्जिकल एक्शन

इधर, जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद के खिलाफ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का संयुक्त अभियान तेज हो गया है।

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और डोडा जिलों में सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पीओके (पाक-अधिकृत कश्मीर) से सक्रिय आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) चलाए हैं।

कुलगाम में मिली विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर कई स्थानों पर तलाशी के दौरान हथियारों के पार्ट्स, गोला-बारूद, लैपटॉप, मोबाइल फोन और संदिग्ध डिजिटल उपकरण बरामद हुए हैं।

पुलिस ने उन व्यक्तियों पर शिकंजा कसना शुरू किया है जो पीओके में बैठे हैंडलरों के इशारे पर आतंकी गतिविधियों को फंडिंग, लॉजिस्टिक और प्रचार सहायता दे रहे थे।

डोडा जिले में हाल में मारे गए आतंकवादियों के घरों और ठिकानों पर भी समानांतर छापेमारी अभियान चलाया गया है।

देशव्यापी समन्वय

गुजरात से लेकर जम्मू-कश्मीर तक फैले इस अभियान से यह स्पष्ट है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां अब आतंकवाद के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए समन्वित मिशन मोड पर काम कर रही हैं।

केंद्रीय एजेंसियों ने यूपी और हैदराबाद पुलिस से भी संपर्क किया है ताकि इन आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क और फंडिंग चैनलों की पूरी श्रृंखला का पता लगाया जा सके।

गुजरात एटीएस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि भारत की खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था किसी भी आतंकी साजिश के प्रति सजग और सक्षम है।

इस गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने जो डिजिटल और तकनीकी सबूत जुटाए हैं, वे आने वाले दिनों में आईएसआईएस के दक्षिण एशिया नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

> विशेषज्ञों का कहना है कि — “यह ऑपरेशन सिर्फ तीन आतंकियों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि भारत में सक्रिय विदेशी आतंकी नेटवर्क के लिए एक कड़ा संदेश है — अब भारत में आतंक की कोई ज़मीन नहीं।”

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