अयोध्या की आध्यात्मिक चेतना के संग वडोदरा में महा रामलीला की भव्य वापसी, 15 वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा पुनः जीवंत

रिपोर्ट : विजय तिवारी
वडोदरा।
सनातन संस्कृति की अखंड धारा, रामभक्ति की आध्यात्मिक अनुभूति और सामाजिक संस्कारों के पुनर्जागरण का संदेश लेकर हिंदीभाषी महासंघ वडोदरा द्वारा आयोजित महा रामलीला एक बार फिर पूरे वैभव के साथ नगर में लौट रही है। 15 वर्षों से निरंतर चली आ रही यह परंपरा वडोदरा की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है, जो कोरोना काल के अंतराल के बाद अब नए उत्साह, व्यापक स्वरूप और आधुनिक मंचन के साथ पुनः आरंभ हो रही है।
आयोजन से पूर्व रविवार, 14 दिसंबर को वडोदरा स्थित सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोजन समिति, कलाकारों और पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस दौरान कलाकारों ने अपने-अपने पात्रों की सजीव झलक प्रस्तुत की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इस वर्ष का मंचन केवल दृश्यात्मक भव्यता तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दर्शकों को भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी गहराई से जोड़ेगा।
18 से 24 दिसंबर तक अकोटा में दिव्य रामकथा
आयोजन समिति के अनुसार 18 दिसंबर से 24 दिसंबर तक प्रतिदिन शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक महा रामलीला का मंचन किया जाएगा।
स्थल : सर सयाजी नगर गृह ( डीमार्ट के पीछे ), गाय सर्कल के पास, अकोटा, वडोदरा।
यह वही अकोटा क्षेत्र है जहां पिछले डेढ़ दशक से लगातार रामलीला का आयोजन होता आ रहा है, जिसने इसे नगर की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक बना दिया है।
कोरोना के बाद परंपरा का सशक्त पुनरागमन
कोरोना काल में सामाजिक प्रतिबंधों के चलते इस आयोजन को अस्थायी विराम देना पड़ा था।
अब परिस्थितियों के सामान्य होने के साथ महा रामलीला की वापसी को भक्तों की आस्था, कलाकारों की साधना और सनातन परंपरा की निरंतरता के पुनर्जागरण के रूप में देखा जा रहा है। इस बार मंच, प्रकाश, ध्वनि और दृश्य प्रभावों को आधुनिक तकनीक से और अधिक प्रभावशाली बनाया गया है, ताकि रामायण के प्रसंग दर्शकों के सामने जीवंत हो उठें।
अयोध्या धाम की छाया में विशेष आध्यात्मिक महत्व
प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण पूर्ण होने के बाद आयोजित हो रही यह रामलीला विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है। अयोध्या धाम से प्रवाहित होती आध्यात्मिक ऊर्जा का यह आयोजन वडोदरा में विस्तार है, जहां रामायण के शाश्वत मूल्य—सत्य, धर्म, त्याग, कर्तव्य, मर्यादा और सामाजिक समरसता—को समकालीन समाज के संदर्भ में पुनः प्रतिष्ठित किया जाएगा।
नई पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ने का प्रयास
आयोजन समिति ने बताया कि महा रामलीला का एक प्रमुख उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना है। श्रीराम का आदर्श नेतृत्व, सीता का त्याग, लक्ष्मण का कर्तव्यबोध और हनुमान का समर्पण—ये सभी पात्र मंचन के माध्यम से जीवन-मूल्यों का जीवंत संदेश देंगे। यह आयोजन मनोरंजन के साथ-साथ संस्कारों का सशक्त माध्यम बनेगा।
150 कलाकार, देशभर से सहभागिता
इस वर्ष लगभग 150 कलाकारों द्वारा महा रामलीला का मंचन किया जाएगा, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के कलाकार शामिल हैं।
मुख्य भूमिकाओं में—
श्रीराम : जल गांधी
लक्ष्मण : प्रियांक मिश्रा
सीता : महक कटियार
हनुमान : विशाल परमार
रावण : पंडित भुनेश्वर पांडेय
भरत : थिजम शाह
मकरध्वज : आर्यन कलवानी
‘काग भूशुंडी रामायण’ में प्रभु श्रीराम की भूमिका निभा चुके लोकप्रिय कलाकार जल गांधी इस आयोजन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का सशक्त अभिनय करेंगे। वहीं, जौनपुर निवासी प्रख्यात कलाकार पंडित भुनेश्वर पांडेय रावण के रूप में पुनः मंच को आलोकित करेंगे, जिनके संवाद और भाव-भंगिमा दर्शकों को सदैव मंत्रमुग्ध करते रहे हैं।
भरत की भूमिका निभा रहे थिजम शाह और मकरध्वज की भूमिका में आर्यन कलवानी भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। आर्यन कलवानी एक उभरते हुए प्रतिभाशाली बाल कलाकार हैं, जबकि जल गांधी और थिजम शाह दोनों ही दूरदर्शन पर प्रसारित सागर वर्ल्ड निर्मित ‘काग भूशुंडी रामायण’ में कार्य कर चुके हैं। जल गांधी ने उसमें किशोरावस्था के राम की भूमिका निभाई थी, वहीं थिजम शाह ने छोटे भरत का सशक्त अभिनय किया था, जिससे इन पात्रों में उनकी गहरी पकड़ स्पष्ट झलकती है।
आयोजन समिति की सशक्त टीम
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महा रामलीला समिति के सभी प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे—
अध्यक्ष : अरविंद कुमार तिवारी, दिलीप नेपाली
कार्यकारी अध्यक्ष : राकेश जैन
महामंत्री : दुर्गेश तिवारी
कोषाध्यक्ष : मुकेश उपाध्याय
कानूनी सलाहकार : संदीप तिवारी
निर्माता : अखिलेश मिश्रा
सह निर्माता : श्रीमती तनूजा तिवारी
सहित समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रवेश निःशुल्क, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
आयोजन समिति ने स्पष्ट किया कि दर्शकों के लिए प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क रहेगा। सुरक्षा और सुव्यवस्था को लेकर पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, 108 एंबुलेंस सेवा, नगर निगम और प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि श्रद्धालु और दर्शक निश्चिंत होकर रामलीला का आनंद ले सकें।
जनभागीदारी की अपील
आयोजन समिति ने वडोदरा के समस्त नागरिकों से परिवार सहित पधारकर इस महा रामलीला महोत्सव का साक्षी बनने की अपील की है। अयोध्या की आध्यात्मिक प्रेरणा, 15 वर्षों की सुदृढ़ परंपरा और व्यापक जनसहभागिता के संग यह आयोजन वडोदरा के लिए केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सामाजिक एकता का भव्य महापर्व सिद्ध होने जा रहा है।




