वडोदरा में जेपी नड्डा के भाषण के दौरान सुरक्षा गार्ड बेहोश — मंच पर नेताओं की प्रतिक्रिया पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर विवाद तेज

रिपोर्ट : विजय तिवारी
वडोदरा / गुजरात।
शनिवार को वडोदरा शहर के अटलादरा क्षेत्र में आयोजित ‘‘सरदार 150 राष्ट्रीय एकता यात्रा’’ के स्वागत समारोह के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के भाषण के अंतिम चरण में मंच के ठीक सामने तैनात एक सुरक्षा गार्ड अचानक संतुलन खोकर जमीन पर गिर पड़ा। घटना के बाद सुरक्षा कर्मियों और पत्रकारों ने तत्काल सहायता प्रदान की और उसे प्राथमिक चिकित्सा हेतु अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सा दल के अनुसार सुरक्षा कर्मी की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
बेहोश हुआ गार्ड केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की सुरक्षा टीम से जुड़ा था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेहोश हुआ सुरक्षा गार्ड केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की सुरक्षा टीम का सदस्य था और वह लंबे समय से लगातार खड़ा होकर ड्यूटी निभा रहा था। प्रारंभिक अनुमान में थकान, गर्मी, निर्जलीकरण और शारीरिक कमजोरी को उसकी बेहोशी का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
घटना के दौरान मंच पर नेताओं की प्रतिक्रिया पर उठे सवाल :
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि सुरक्षा गार्ड के गिरने के बावजूद जेपी नड्डा अपना भाषण जारी रखते रहे, और मंच पर मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने भी तत्काल संवेदनात्मक या मानवीय प्रतिक्रिया दर्शाने की कोशिश नहीं की।
यह दृश्य जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंचा, नागरिकों और कई संगठनों ने मंच पर बैठे नेताओं की असंवेदन पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की लोगों ने सवाल उठाए कि —
“यदि मंच के ठीक सामने सुरक्षा में तैनात व्यक्ति गिर जाए और नेताओं को फर्क तक न पड़े, तो फिर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कैसे निभाई जाएगी?”
केवल एक नेता मदद के लिए आगे आए — शीतल मिस्त्री
घटना के दौरान दर्शक दीर्घा की पहली पंक्ति में बैठे वडोदरा नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन शीतल मिस्त्री ही एकमात्र नेता थे, जिन्होंने तेजी से उठकर दौड़ लगाई और सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई।
वहीं, मंच पर बैठे अन्य नेताओं के निष्क्रिय रवैये ने इस बात पर गंभीर प्रश्न खड़े किए कि —
क्या कार्यक्रम में मानवीय संवेदना से अधिक प्राथमिकता राजनीतिक भाषण और प्रोटोकॉल को दी गई?
स्थानीय और राज्यस्तरीय नेता मौजूद रहे :
इस समारोह में गुजरात प्रदेश के कई प्रमुख नेता और स्थानीय विधायक उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं —
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जय प्रकाश सोनी
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गोरधन झडफिया
विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय नेता दंडक बाल कृष्ण शुक्ल
सहित कई राजनेताओं की उपस्थिति के बावजूद, जब सुरक्षा गार्ड गिरा, तब मंच पर मौजूद किसी भी वरिष्ठ नेता ने तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसका उल्लेख स्थानीय मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और सामाजिक संगठनों ने स्पष्ट रूप से उठाया है।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि :
‘‘सरदार 150 राष्ट्रीय एकता यात्रा’’ का यह कार्यक्रम भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के सम्मान में आयोजित किया गया था।
यात्रा में शहरभर की सामाजिक संस्थाएँ, धार्मिक संगठन, आवासीय सोसायटी, स्वयंसेवी समूह और हजारों नागरिक शामिल हुए, जिन्होंने पारंपरिक स्वागत और सांस्कृतिक आयोजन के माध्यम से एकता का संदेश दिया।
घटना ने उठाए बड़े सवाल
इस घटना के बाद दो प्रमुख प्रश्नों ने सार्वजनिक चर्चा का रूप ले लिया है —
1. क्या राजनीतिक कार्यक्रमों में सुरक्षा कर्मियों की सेहत और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी की जाती है?
2. सार्वजनिक जीवन में नेताओं की संवेदनशीलता का स्तर क्या होना चाहिए?
विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि जिन सुरक्षा कर्मियों की जिम्मेदारी नेताओं की सुरक्षा होती है, उनकी स्वास्थ्य-सुविधा, जल-व्यवस्था, आराम और प्राथमिक चिकित्सा को उचित प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
यद्यपि कार्यक्रम का उद्देश्य ‘‘राष्ट्रीय एकता’’ और ‘‘देशभक्ति’’ का संदेश देना था, लेकिन सुरक्षा गार्ड के बेहोश होने के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया में संवेदना का अभाव इस आयोजन की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न लगा गया।
यह घटना स्पष्ट रूप से याद दिलाती है कि —
किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में सबसे बड़ी प्राथमिकता इंसान की जिंदगी और उसकी सुरक्षा होती है, न कि राजनीतिक भाषण, कैमरे या मंच की चमक




