Janta Ki Awaz
दिल्ली NCR

मजदूरों को ₹10 हजार की राहत, 50% वर्क फ्रॉम होम की तैयारी—दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के पीछे की वजह क्या?

मजदूरों को ₹10 हजार की राहत, 50% वर्क फ्रॉम होम की तैयारी—दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के पीछे की वजह क्या?
X

रिपोर्ट : विजय तिवारी

नई दिल्ली।

दिल्ली सरकार श्रमिकों और कामकाजी वर्ग को आर्थिक व सामाजिक राहत देने के उद्देश्य से एक नए व्यापक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव के तहत श्रमिकों को ₹10,000 की सहायता राशि देने और सरकारी व निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत तक वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था लागू करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। फिलहाल यह योजना विचाराधीन है, लेकिन इसके संभावित असर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

दिल्ली जैसे महानगर में लगातार बढ़ती महंगाई, किराया और दैनिक खर्चों ने मजदूर वर्ग पर अतिरिक्त दबाव डाला है। साथ ही रोज़ाना लंबा सफर, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। इन्हीं हालात को ध्यान में रखते हुए सरकार का मानना है कि सीधी आर्थिक सहायता और लचीली कार्य व्यवस्था मजदूरों व कर्मचारियों के लिए सहारा बन सकती है।

प्रस्तावित ₹10,000 की सहायता का उद्देश्य असंगठित और निम्न आय वर्ग के श्रमिकों को आकस्मिक खर्चों में राहत देना और रोज़गार में अस्थिरता के समय सुरक्षा प्रदान करना है। सूत्रों के अनुसार, यह राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जा सकती है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।

वर्क फ्रॉम होम के 50 प्रतिशत मॉडल से सरकार को उम्मीद है कि शहर में यातायात दबाव कम होगा, प्रदूषण घटेगा और कर्मचारियों का समय बचेगा। यह व्यवस्था विशेष रूप से आईटी, मीडिया, प्रशासनिक और बैक-ऑफिस जैसे क्षेत्रों में प्रभावी मानी जा रही है, जबकि फील्ड व निर्माण कार्यों के लिए वैकल्पिक या हाइब्रिड व्यवस्था पर विचार संभव है।

हालांकि, इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन में चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। सभी क्षेत्रों में वर्क फ्रॉम होम लागू करना आसान नहीं होगा, वहीं डिजिटल संसाधनों की समान उपलब्धता और बजट प्रबंधन भी सरकार के लिए अहम मुद्दे रहेंगे।

यदि यह प्रस्ताव अंतिम रूप लेता है तो इससे मजदूरों और कामकाजी वर्ग को सीधी राहत मिलने के साथ-साथ शहरी जीवन, कार्य संस्कृति और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अब सभी की निगाहें दिल्ली सरकार की आधिकारिक घोषणा और दिशा-निर्देशों पर टिकी हैं।

Next Story
Share it