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आईजीआई एयरपोर्ट पर सर्वर फेलियर से उड़ी व्यवस्था की नींद, लंबी देरी और रद्द उड़ानों से यात्रियों में हड़कंप

आईजीआई एयरपोर्ट पर सर्वर फेलियर से उड़ी व्यवस्था की नींद, लंबी देरी और रद्द उड़ानों से यात्रियों में हड़कंप
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डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी

नई दिल्ली। देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI Airport) पर गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह तक तकनीकी गड़बड़ी के कारण हवाई परिचालन गंभीर रूप से प्रभावित रहा। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम और सर्वर नेटवर्क में आई समस्या के चलते 100 से अधिक उड़ानें देरी या रद्द करनी पड़ीं।

सूत्रों के मुताबिक, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों सेक्टरों की उड़ानें इस तकनीकी गड़बड़ी से प्रभावित हुईं। एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गईं और बैगेज ड्रॉप व चेक-इन काउंटरों पर भीड़ बढ़ गई।

गड़बड़ी का कारण और असर

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, एटीसी नेटवर्क में डेटा सिंक्रोनाइजेशन और सर्वर कम्युनिकेशन एरर के कारण उड़ानों की मंजूरी प्रक्रिया बाधित हुई।

कई विमानों को रनवे पर खड़ा रखना पड़ा जबकि कुछ को अन्य शहरों में डायवर्ट किया गया।

फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, 150 के करीब उड़ानों में देरी और रद्दीकरण दर्ज हुआ।

सुबह के समय एयरलाइंस की सूचना प्रणालियों पर यात्रियों को लगातार अपडेट भेजे गए ताकि अफवाह न फैले।

यात्रियों की परेशानी

यात्रियों ने सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो साझा किए जिनमें लंबी कतारें, सूचना की कमी और भ्रम की स्थिति साफ देखी गई।

कुछ यात्रियों का कहना था कि बोर्डिंग पास जारी होने में करीब एक घंटा लगा जबकि बैगेज डिलीवरी में भी विलंब हुआ।

कई अंतरराष्ट्रीय यात्री कनेक्टिंग फ्लाइट्स से चूक गए जिससे उन्हें वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करनी पड़ी।

एयरपोर्ट प्रशासन और एयरलाइंस की सफाई

दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि —

> “तकनीकी टीम ने तुरंत सर्वर सिस्टम को पुनः सक्रिय किया और धीरे-धीरे सभी सेवाएं बहाल कर दी गईं। सुरक्षा मानकों के तहत पहले लैंडिंग की अनुमति दी गई, जबकि टेक-ऑफ को कुछ समय रोका गया।”

एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि उनकी फ्लाइट स्थिति आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल एप पर लगातार अपडेट की जा रही है।

विशेषज्ञों की राय

विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की तकनीकी विफलता नेटवर्क फेलियर, सर्वर अपग्रेड या ओवरलोडिंग के चलते होती है।

IGI एयरपोर्ट पर हर घंटे सैकड़ों उड़ानें संचालित होती हैं, ऐसे में मामूली तकनीकी अड़चन भी बड़े स्तर पर असर डाल सकती है।

इस घटना ने एक बार फिर भारत के हवाई परिवहन नेटवर्क की डिजिटल निर्भरता और बैकअप सिस्टम की तैयारी पर सवाल खड़े किए हैं।

जांच और भविष्य की तैयारी

एयरपोर्ट प्रबंधन ने इस घटना की आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि गड़बड़ी के मूल कारणों का पता लगाया जा सके।

साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।

विमानन मंत्रालय ने इस मामले की रिपोर्ट तलब की है और सभी प्रमुख एयरपोर्ट्स से बैकअप सर्वर सिस्टम की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट मांगी है।

दिल्ली एयरपोर्ट की यह तकनीकी गड़बड़ी देश के उड्डयन तंत्र के लिए एक चेतावनी साबित हुई है।

हालांकि फिलहाल स्थिति सामान्य हो चुकी है, लेकिन 100 से अधिक उड़ानों की बाधा और यात्रियों की परेशानियां यह स्पष्ट करती हैं कि तकनीकी व्यवस्थाओं के साथ-साथ मजबूत वैकल्पिक सुरक्षा और डेटा प्रबंधन प्रणाली की जरूरत अब पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

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