बिहार में नई सरकार की रफ्तार तेज : नीतीश कैबिनेट में विभागों की जिम्मेदारियाँ तय, कई अहम संकेत भी छिपे

रिपोर्ट : विजय तिवारी
बिहार में एनडीए की नई सरकार के गठन के बाद अब प्रशासनिक पहिये तेज़ हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 नवंबर 2025 को शपथ लेने वाले 18 मंत्रियों (दो डिप्टी सीएम सहित) को उनकी जिम्मेदारियाँ सौंप दी हैं। विभागों का यह बंटवारा सिर्फ पद-विभाजन नहीं, बल्कि आने वाले महीनों में सरकार की प्राथमिकताओं का खाका भी पेश करता है।
गृह विभाग की कमान सम्राट चौधरी के हाथ
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को राज्य का सबसे महत्वपूर्ण गृह विभाग दिया गया है। यह जिम्मेदारी उन्हें राजनीतिक महत्व के साथ-साथ प्रशासनिक शक्ति का भी मुख्य केंद्र बनाती है। कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, दंगों और बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था—सारी चुनौती अब सीधे उनके पाले में है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में पुलिस सुधार और अपराध पर नकेल कसने को लेकर कई बड़े कदम उठ सकते हैं।
मंगल पांडे को स्वास्थ्य और विधि—दोनों अहम क्षेत्र
कैबिनेट में दूसरा बड़ा दायित्व मिला है मंगल पांडे को। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार और मेडिकल ढाँचे की मजबूती के लिए उन्हें फिर से जिम्मेदारी सौंपना सरकार के भरोसे को दर्शाता है।
इसके साथ ही वह विधि एवं विधायी विभाग भी संभालेंगे, जो विधानसभा सत्रों, बिलों और राज्य के कानूनी मसलों में अहम भूमिका निभाता है।
कौन क्या संभालेगा—कैबिनेट की पूरी लिस्ट
बुनियादी ढांचे पर जोर
नितिन नवीन को पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास जैसे भारी-भरकम विभाग मिले हैं। सड़कों और शहरी विकास के मोर्चे पर बड़े प्रोजेक्ट उनके नेतृत्व में ही गति पकड़ेंगे।
कृषि, सहकारिता और ग्रामीण ढाँचा
रामकृपाल यादव कृषि संभालेंगे, जो बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
वहीं प्रमोद चंद्रवंशी को सहकारिता एवं पर्यावरण–वन और जलवायु परिवर्तन सौंपा गया है—दोनों विभाग ग्रामीण अर्थव्यवस्था व जल-संसाधन नीति पर सीधा असर डालते हैं।
उद्योग और रोजगार पर फोकस
दिलीप जयसवाल को उद्योग विभाग मिला है। सरकार स्टार्टअप, MSME और निवेश बढ़ाने पर जोर दे सकती है।
संजय टाइगर को श्रम संसाधन, यानी कौशल विकास और रोजगार से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
सामाजिक न्याय और कल्याण वाले विभाग
रमा निषाद—पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण
लखेन्द्र पासवान—अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण
इन दोनों विभागों से राज्य में समाजिक समावेशन और कल्याण योजनाओं की दिशा तय होती है।
टेक्नोलॉजी, युवा और खेल
श्रेयसी सिंह को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ खेल मंत्रालय दिया गया है। डिजिटल गवर्नेंस, ई-सेवाओं का विस्तार और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार जैसे अहम काम अब उनके हाथ में होंगे।
पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग
अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन, कला-संस्कृति और युवा विभाग मिला है—बिहार में पर्यटन को मजबूती देने की दिशा में कई नई योजनाएँ सामने आ सकती हैं।
अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालय
विजय कुमार सिन्हा—भूमि एवं राजस्व, खान एवं भू-तत्व
सुरेंद्र मेहता—पशु एवं मत्स्य संसाधन
नारायण प्रसाद—आपदा प्रबंधन
कैबिनेट बंटवारे से क्या संकेत मिलते हैं?
1. कानून-व्यवस्था और प्रशासन को प्राथमिकता
गृह विभाग को डिप्टी सीएम के पास देना—सीधे राजनीतिक संदेश की तरह देखा जा रहा है।
2. स्वास्थ्य क्षेत्र पर फिर बड़ा दांव
महामारी बाद के दौर में स्वास्थ्य एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसे लेकर सरकार अपेक्षाएँ बढ़ा रही है।
3. सड़क, शहरी विकास और IT—तीन बड़े इंजन एक साथ
बिहार को निवेश व इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में तेज रफ्तार देने की तैयारी साफ दिखती है।
4. युवा और खेल को नई पहचान
श्रेयसी सिंह जैसे युवा चेहरे को दो महत्वपूर्ण विभाग देना सरकार के फोकस का हिस्सा लगता है।




