बिहार चुनाव के नतीजों के बाद आरजेडी में भूचाल—पूर्व उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का तेज हमला, लालू को ‘धृतराष्ट्र’ और तेजस्वी को ‘सपनों का नेता’ बताया

रिपोर्ट : विजय तिवारी
बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर तीखे मतभेद सतह पर आने लगे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर खुलकर निशाना साधते हुए नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तिवारी ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि लालू यादव आज भी धृतराष्ट्र की भूमिका में हैं, जहां पूरे संगठन की बागडोर एक ही परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। उन्होंने चुनावी रणनीति और टिकट चयन को लेकर भी असंतोष जताते हुए दावा किया कि जमीनी कार्यकर्ताओं की आवाज़ को बार-बार अनसुना किया गया।
तेजस्वी यादव पर टिप्पणी करते हुए तिवारी ने कहा कि पार्टी का युवा नेतृत्व जमीन की सच्चाई से कटकर सपनों की दुनिया में जी रहा है, जबकि चुनाव जनता की नब्ज़ समझकर लड़े जाते हैं, सिर्फ सोशल मीडिया की हवा पर नहीं।
उनका आरोप है कि चुनाव प्रचार में व्यक्तिगत छवि को ज़रूरत से ज़्यादा प्राथमिकता दी गई, जबकि संगठनात्मक मजबूती और स्थानीय समीकरणों को नज़रअंदाज़ किया गया।
पार्टी के भीतर यह बयानबाज़ी उस समय और मायने रखती है, जब आरजेडी को कई क्षेत्रों में ऐतिहासिक रूप से कमजोर प्रदर्शन झेलना पड़ा है। तिवारी के बयान के बाद प्रदेश नेतृत्व में हलचल तेज हो गई है और पार्टी में आत्ममंथन की मांग भी अब खुलकर उठने लगी है।
फिलहाल आरजेडी की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे ‘परिवारवाद पर सीधा प्रहार’ और ‘संगठनात्मक ढांचे पर गंभीर चेतावनी’ के रूप में देखा जा रहा है।
बिहार की राजनीति में यह बयान आने वाले दिनों में नई बहस को जन्म दे सकता है।




