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प्रेम

प्रेम
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संबंध टूटता है

समय के कंठ से उत्तर फूटता है

'प्रेम क्या है ?

कबीर का अढ़ाई अक्षर है ?

बोधा की तलवार पर धावन है ?'

'ना ,भाई , ना

प्रेम_

आँखों की भाषा में

मन के विश्वास से उपजी

हृदय की मुक्तावस्था के लिए

आत्मा की आवाज़ है'

'क्या यह मित्रता को मुहब्बत में तब्दील करने की___

भावना में वासना भरने की__

छद्मवेश धरने की___

वस्तु है ?'

'ना , भाई , ना

प्रेम__

व्यक्तित्व में

उदात्त होने का तथास्तु है !'

गोलेन्द्र पटेल

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