बॉलीवुड अभिनेत्री और गायिका सुलक्षणा पंडित का 71 वर्ष की आयु में निधन, हार्ट अटैक से हुईं जीवन की अंतिम यात्रा समाप्त

डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
मुंबई। भारतीय सिनेमा और संगीत जगत के लिए गुरुवार की शाम बेहद दुखद साबित हुई। मशहूर अभिनेत्री एवं पार्श्व गायिका सुलक्षणा पंडित का मुंबई में गुरुवार शाम करीब 7 बजे निधन हो गया। परिवार के मुताबिक, उन्हें अचानक हृदयाघात (हार्ट अटैक) आया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 71 वर्ष की थीं।
परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, सुलक्षणा पंडित कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। गुरुवार शाम तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के नानावटी अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी उनका निधन हो गया। उनके भाई और संगीतकार ललित पंडित ने मीडिया को बताया कि बहन की तबीयत अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद परिवार ने तुरंत डॉक्टरों को बुलाया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
संगीत और सिनेमा का सुनहरा अध्याय
सुलक्षणा पंडित ने 1970 और 80 के दशक में अपने अभिनय और गायन से हिंदी सिनेमा में खास पहचान बनाई। वे मशहूर संगीतकार परिवार से थीं — उनके भाई लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल जोड़ी के प्यारेलाल पंडित, ललित पंडित, और जतिन पंडित भी संगीत जगत के बड़े नाम हैं।
उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में संजय कुमार, राजेश खन्ना, जितेंद्र, विनोद खन्ना जैसे सितारों के साथ काम किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘उलझन’, ‘करिश्मा कुदरत का’, ‘अपना देश’, ‘संकट’, ‘विक्टोरिया नं. 203’ और ‘राजा’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
गायन में भी कम नहीं रही प्रतिभा
सुलक्षणा पंडित ने गायिका के रूप में भी हिंदी फिल्म संगीत को कई यादगार गीत दिए। उनकी मधुर आवाज़ ने श्रोताओं को गहराई से प्रभावित किया।
उन्होंने लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार जैसे दिग्गजों के साथ कई लोकप्रिय गीत गाए। उनका गाया गीत “तू ही सागर तू ही किनारा” (फिल्म–संकल्प) आज भी लोगों की यादों में बसा है।
इसके अलावा उन्होंने “बांके बंजारों से प्यार कर बैठी”, “बेकरार दिल तु गाए जा”, “कहीं दीप जले कहीं दिल” जैसे गीतों से अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।
फिल्मी दुनिया से दूरी और अंतिम वर्ष
1990 के दशक के बाद सुलक्षणा ने फिल्मी दुनिया से धीरे-धीरे दूरी बना ली थी। बताया जाता है कि निजी कारणों और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्होंने सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लिया था। वे पिछले कुछ वर्षों से मुंबई में परिवार के साथ शांत जीवन बिता रही थीं।
फिल्म जगत में शोक की लहर
उनके निधन की खबर फैलते ही फिल्म और संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कई कलाकारों और संगीतकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। फिल्म उद्योग से जुड़े दिग्गजों ने कहा कि सुलक्षणा पंडित का जाना भारतीय सिनेमा के एक सुनहरे युग का अंत है।
अंतिम संस्कार
परिवार के सूत्रों के मुताबिक, सुलक्षणा पंडित का अंतिम संस्कार शुक्रवार (7 नवंबर 2025) को मुंबई में पारिवारिक परंपरा के अनुसार किया जाएगा।
सुलक्षणा पंडित ने अपने जीवन में अभिनय और गायन दोनों में अपार योगदान दिया। वे एक ऐसी शख्सियत थीं जिन्होंने पर्दे पर अपनी अदाकारी और सुरों की मिठास से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।
उनका जाना न केवल सिनेमा, बल्कि भारतीय संगीत की दुनिया के लिए भी एक युग का अंत है।




