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चुनाव 2019

उत्तर प्रदेश: छठे चरण में 14 संसदीय क्षेत्रों में कुल 54.12 फीसद मतदान

उत्तर प्रदेश: छठे चरण में 14 संसदीय क्षेत्रों में कुल 54.12 फीसद मतदान
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लखनऊ, । लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण में रविवार को उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 14 संसदीय क्षेत्रों में 54.12 फीसद मतदान हुआ। जिन संसदीय क्षेत्रों में छठे चरण में मतदान हुआ उनमें सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही शामिल हैं।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 54.53 प्रतिशत मतदान हुआ था। छठे चरण में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। मतदान खत्म होने के साथ ही 177 प्रत्याशियों की तकदीर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद हो गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ की सीट छोड़ भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल ने इस चरण की 13 सीटें जीती थीं।

अंबेडकरनगर में सबसे ज्यादा मतदान

मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल. वेंकटेश्वर लू ने बताया कि छठे चरण में सबसे ज्यादा 58.78 फीसद मतदान अंबेडकरनगर संसदीय क्षेत्र में हुआ है। सबसे कम 50.58 प्रतिशत मतदान इलाहाबाद में हुआ। छठे चरण में जिन सीटों पर वोट डाले गए उनमें से आठ में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में मतदान में कमी दर्ज की गई, जबकि छह में अधिक वोट पड़े। जिन सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत बढ़ा उनमें प्रतापगढ़, फूलपुर, संत कबीर नगर, लालगंज, जौनपुर और भदोही शामिल हैं। वहीं जिनमें मतदान प्रतिशत में कमी दर्ज की गई, उनमें सुलतानपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, आजमगढ़ और मछलीशहर शामिल हैं।

छठे चरण में सबसे कम मतदान

छठे चरण में पहले पांच चरणों की तुलना में सबसे कम मतदान हुआ है। पहले चरण में आठ सीटों के लिए जहां 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ था, वहीं दूसरे चरण में भी आठ सीटों के लिए 62.39, तीसरे में 10 सीटों के लिए 61.42, चौथे में 13 सीटों के लिए 57.58, पांचवें में 14 सीटों के लिए 58.02 प्रतिशत मतदान हुआ था।

कई संसदीय क्षेत्रों में मतदान का बहिष्कार

फूलपुर के सोरांव विधानसभा क्षेत्र में रेलवे स्टेशन की मांग को लेकर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया। प्रशासनिक अधिकारियों के मनाने के बावजूद दो बूथों पर इक्का-दुक्का और एक बूथ पर एक भी वोट नहीं डाला गया। प्रतापगढ़ में सई नदी पर पुल की मांग को लेकर विश्वनाथगंज में लोगों ने मतदान के बहिष्कार का एलान किया था। प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वहां दोपहर 12.30 बजे से मतदान शुरू हो सका। संत कबीर नगर के घनघटा विधानसभा क्षेत्र में मझगावां में सड़क की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार की घोषणा की गई थी। डीएम के मनाने पर लोग वोट डालने के लिए राजी हुए। आजमगढ़ के महाजी देवारा गांव में बांध के पास पुल बनाने की मांग करते हुए लोगों ने चुनाव बहिष्कार किया। वहां पांच बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा था।

भाजपा विधायक के खिलाफ एफआइआर

भदोही के औराई विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर के खिलाफ पीठासीन अधिकारी से बदसलूकी के मामले में एफआइआर दर्ज करायी गई है।

दिग्गज जिनकी तकदीर ईवीएम में हुई बंद

अवध और पूर्वांचल क्षेत्रों के इस चुनावी रण में राजनीति के जो दिग्गज और चर्चित चेहरे मैदान में हैं, उनमें आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और भाजपा उम्मीदवार भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ', सुलतानपुर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, इलाहाबाद से प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री डॉ.रीता बहुगुणा जोशी व अंबेडकरनगर से सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा शामिल हैं।

गड़बड़ी के चलते बदली गईं ईवीएम व वीवीपैट

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मॉक पोल के दौरान ईवीएम की 147 बैलट यूनिट व 210 कंट्रोल यूनिट और 329 वीवीपैट बदले गए। वहीं मतदान के दौरान ईवीएम की 90 बैलट यूनिट व 78 कंट्रोल यूनिट और 140 वीवीपैट बदले गए।

समय के बढ़ता गया वोटिंग प्रतिशत

लोकसभा चुनाव 2019 यानी 17वीं लोकसभा के लिए छठवें चरण में 14 संसदीय क्षेत्र में आज सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। गरमी से बचने के कारण लोग सुबह से ही लंबी लाइनों में लग गए। शाम छह बजे तक 54.12 प्रतिशत मतदान हुआ है। पहले दो घंटेे यानी सात से नौ बजे के बीच में 9.28 प्रतिशत मतदान हुआ। नौ से 11 बजे तक 21.98, 11 से 1 बजे तक 34.92, तीन बजे तक 43.35, पांच बजे तक 50.63 प्रतिशत मतदान पहुंच गया।

डुमरियागंज में बरात जाने से पहले मतदान

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के कैथविलय रेहरा बूथ संख्या 51 पर बरात जाने से पहले दूल्हे मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की महत्ता समझाई। आज उनकी बरात जा रही है।

लोकसभा की 14 सीटों के लिए पहले दो घंटा में सर्वाधिक 11.40 प्रतिशत मतदान बस्ती में हुआ जबकि सबसे कम डुमरियागंज में 7.60 प्रतिशत मतदान हुआ है। प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, लालगंज, आजमगढ़ व बस्ती में दस प्रतिशत से अधिक वोट पड़े हैं।

छठे चरण में मतदान प्रतिशत

लोकसभा क्षेत्र 7-9 बजे 9-11 बजे 11-1 बजे 1-3 बजे 3-5 बजे 6 बजे तक

सुलतानपुर 9.37 25.41 38.87 45.87 52.93 54.56

प्रतापगढ़ 10.68 23.13 34.39 43.80 51.28 53.20

फूलपुर 9.00 18.20 29.20 36.80 46.00 51.38

इलाहाबाद 8.20 20.00 32.38 39.12 47.06 50.58

अंबेडकरनगर 10.20 25.00 38.20 47.60 55.24 58.78

श्रावस्ती 9.20 21.34 32.64 41.89 47.80 51.41

डुमरियागंज 7.60 10.20 34.40 41.20 46.40 51.80

बस्ती 11.40 26.39 38.68 46.27 53.28 58.00

संतकबीर नगर 8.75 22.90 37.00 44.18 50.72 53.30

लालगंज 10.30 23.66 32.79 44.11 52.50 55.70

आजमगढ़ 10.10 19.80 34.80 45.20 52.60 56.20

जौनपुर 9.07 22.40 34.53 43.78 51.43 54.80

मछलीशहर 7.70 18.40 35.80 45.40 50.40 53.20

भदोही 8.40 21.90 35.26 41.63 51.20 54.76

वर्ष 2014 में इन सीटों पर वोट

सुलतानपुर 56.66

प्रतापगढ़ 52.12

फूलपुर 50.2

इलाहाबाद 53.5

अंबेडकरनगर 60.18

श्रावस्ती 54.82

डुमरियागंज 53.08

बस्ती 58.66

संत कबीर नगर 53.15

लालगंज 54.14

आजमगढ़ 56.4

जौनपुर 54.48

मछलीशहर 52.74

भदोही 53.54

छठे चरण में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही संसदीय क्षेत्रों में मतदान जारी है। इस चरण में 2.57 करोड़ मतदाता इन 14 लोकसभा सीटों के 177 प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य तय करेंगे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 54.53 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ की सीट छोड़ भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल ने इनमें से 13 सीटें जीती थीं।

केशव प्रसाद मौर्य व सिद्धार्थनाथ ने भी किया मतदान

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी आज प्रयागराज में मतदान किया। केशव प्रसाद मौर्य 2014 में फूलपुर से सांसद बने थे।

डिप्टी सीएम बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया तो उपचुनाव में भाजपा को सीट गंवानी पड़ी। उन्होंने आज फूलपुर संसदीय सीट के लिए ज्वाला देवी इंटर कॉलेज में पत्नी के साथ जाकर अपना वोट डाला।

प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी मतदान किया। उन्होंने फूलपुर संसदीय सीट के लिए ज्वाला देवी इंटर कॉलेज में बने बूथ पर वोट डाला।

जौनपुर व मछलीशहर लोकसभा में कई जगह ईवीएम खराब

कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे से ही लोकसभा सभा क्षेत्र जौनपुर व मछलीशहर(सु) सीट पर सुबह केन्द्रों पर मतदान शुरू हो चुका है। कई बूथ पर ईवीएम खराब होने से आधे घंटे बाद भी मतदान शुरू नही हो सका। लोकतंत्र के महापर्व में सुबह से ही मतदाताओं का जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। अब तक बूथ संख्या 132 सरोखनपुर पर ईवीएम खराब होने के कारण 7.30 बजे तक मतदान शुरू नही हो सका। इसी तरह बूथ संख्या 1बाल्हामऊ, बूथ संख्या 80 सबेली की मशीन खराब।

बरसठी ब्लाक के राजापुर गांव के बूथ सख्या 387 पर मतदान पन्द्रह मिनट देरी से शुरू हुआ। सिकरारा के टेकारी गांव के बूथ पर भी मशीन खराब होने की सूचना मिल रही है। शिकायत पर सेक्टर व जोनल अधिकारी बूथ पर पहुँच रहे हैं। मूगरडीह बूथ पर, खानापट्टी बूथ पर मतदाताओं की लगी लंबी कतार लग गई है। अन्य केंद्रों पर शांति से मतदान चल रहा है कही भी हिंसा या विवाद की कोई सूचना नही है। जबकि 283 सरायडिगुर तथा 204 इटहरा में मशीन में तकनीकी खराबी आने के कारण मतदान 7:40 तक आरंभ नहीं हो सका। पीठासीन अधिकारियों ने सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचना दे दिया है।

दिग्गज जो हैं मैदान में

अवध और पूर्वांचल क्षेत्रों के इस चुनावी रण में राजनीति के जो धुरंधर और चर्चित चेहरे मैदान में हैं, उनमें आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और भाजपा उम्मीदवार भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ', सुलतानपुर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, इलाहाबाद से प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री डॉ.रीता बहुगुणा जोशी व अंबेडकरनगर से सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा शामिल हैं।

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी व मुकुट बिहारी वर्मा, जगदम्बिका पाल, रमाकांत यादव और डॉ. संजय सिंह जैसे दिग्गजों के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा। आजमगढ़ को छोड़ कर वर्ष 2014 में अन्य क्षेत्रों में भाजपा या उसके सहयोगी दल (अपना दल) का कब्जा था। लोकसभा चुनाव में इस बार गणित बदल गया है। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के अलावा प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति ने मुकाबलों को रोचक बना दिया है।

4995 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील

मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल.वेंकटेश्वर लू ने बताया कि छठे चरण के चुनाव के लिए प्रदेश में कुल 16,998 मतदान केंद्र और 29,076 मतदेय स्थल (पोलिंग बूथ) बनाये गए हैं। इनमें से 4,995 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील हैं। मतदान की निगरानी के लिए 2,402 पोलिंग बूथ पर डिजिटल कैमरे, 1,183 पर वीडियो कैमरे लगाये गए हैं जबकि 2,947 बूथ पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है। मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरक्षित सहित) की कुल 35,544 बैलट यूनिट व 33,356 कंट्रोल यूनिट और 35,647 वीवीपैट का इंतजाम किया गया है।

चप्पे-चप्पे की निगरानी, चाक चौबंद सुरक्षा

छठे चरण के चुनाव के लिए सूबे में 1,28,550 मतदान कार्मिक तैनात हैं। मतदान की निगरानी के लिए 2,068 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 262 जोनल मजिस्ट्रेट, 607 स्टैटिक मजिस्ट्रेट लगाये गए हैं। इनके अलावा 14 सामान्य प्रेक्षक व इतने ही व्यय प्रेक्षक, आठ पुलिस प्रेक्षक और 73 सहायक व्यय प्रेक्षक इन 14 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव पर नजर रखेंगे। स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल व पीएसी तैनात की गई है।

जौनपुर में सबसे ज्यादा प्रत्याशी

जौनपुर संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा 20 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सबसे कम सात उम्मीदवार संत कबीर नगर में हैं। सुलतानपुर, लालगंज, आजमगढ़ व मछलीशहर में 15, इलाहाबाद व फूलपुर में 14, भदोही में 12, अंबेडकरनगर व बस्ती में 11, श्रावस्ती व डुमरियागंज में 10 और प्रतापगढ़ में आठ प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में प्रमुख रूप से भाजपा के 14, कांग्रेस व बसपा के 11-11, सपा के तीन और सीपीआइ के तीन प्रत्याशी हैं। बाकी अन्य दलों के या निर्दल उम्मीदवार हैं।

फूलपुर में सर्वाधिक वोटर

छठे चरण में फूलपुर संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक 20,06,228 मतदाता हैं जबकि प्रतापगढ़ में सबसे कम 17,05,457 वोटर हैं।

आजमगढ़

आजमगढ़ से 2014 में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव सांसद निर्वाचित हुए थे। इस बार उनके बेटे अखिलेश यादव इस सीट से मैदान में उतरे हैं।

पिछले चुनाव में सपा की जीत का अंतर बड़ा नहीं था लेकिन, इस बार बसपा से गठबंधन होने और कांग्रेस का समर्थन मिलने के कारण अखिलेश यादव समर्थकों में आत्मविश्वास अधिक दिखता है। यहां पर समाजवादी पार्टी से सीट छीनने के लिए भाजपा ने भोजपुरी फिल्मों के कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा है।

सुलतानपुर

सुलतानपुर लोकसभा सीट से वरुण गांधी सांसद हैं लेकिन, उन्होंने अपनी मां मेनका गांधी से सीटों की अदला बदली की है। वरुण पीलीभीत से और मेनका सुलतानपुर से चुनाव लड़ रही हैं। बसपा ने चंद्रभद्र सिंह सोनू को गठबंधन प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व सांसद डॉ. संजय सिंह को उतार कर यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

इलाहाबाद

इलाहाबाद सीट से सांसद श्यामाचरण शुक्ल भाजपा से बगावत कर चुके हैं। उनके स्थान पर भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को मैदान में उतारा है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है। कुंभ के दौरान हुए विकास का श्रेय भी भाजपा लेेने की कोशिश करेगी। इस सीट पर गठबंधन ने पिछड़ा कार्ड चलते हुए सपा के राजेेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया है। कांग्रेस के योगेश शुक्ला मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है।

कभी कांग्रेस का गढ़ रही इलाहाबाद संसदीय सीट अब भाजपा के लिए नाक का सवाल बनी हुई है। यहां भाजपा ने कभी कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रही रीता बहुगुणा जोशी को मैदान में उतारा है तो वहीं कभी भाजपा का झंडा थामकर चुनाव लडऩे वाले योगेश शुक्ला को कांग्रेस ने टिकट दिया है। गठबंधन की तरफ इस बार राजेंद्र पटेल दोनों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

फूलपुर

प्रयागराज की फूलपुर सीट पर सभी की निगाहें हैं। 2014 में यहां केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा का परचम फहराया था लेकिन, उप मुख्यमंत्री बनने के बाद उपचुनाव में सीट न बचा सके। इस बार भाजपा ने केसरी देवी पटेल को उतारा है तो गठबंधन की ओर से पंधारी यादव मैदान में हैं। कांग्रेस ने पंकज निरंजन को टिकट दिया है। स्व. सोनेलाल पटेल के दामाद पंकज की मौजूदगी ने चुनावी संघर्ष का बढ़ा दिया है।

अंबेडकरनगर

बसपा के दबदबे वाली अंबेडकर नगर सीट मोदी लहर के चलते 2014 में भाजपा के कब्जे में आ गई थी। इस क्षेत्र में कांग्रेस के बाद बसपा ही अधिक सफल रही है। पिछले चुनाव में भाजपा के हरिओम पांडेय सांसद चुने गये थे। उन्होंने बसपा के राकेश पांडेय को हराया था लेकिन, भाजपा ने सांसद हरिओम पांडेय के स्थान पर सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को टिकट दिया है। गठबंधन से बसपा विधायक रितेश पांडेय उम्मीदवार हैं। यहां कांग्रेस की किरकिरी प्रत्याशी उम्मेद सिंह निषाद का पर्चा खारिज होने से हो चुकी है। ऐसे में यहां पर भाजपा व गठबंधन के बीच सीधी टक्कर है। अंबेडकर नगर संसदीय सीट को मायावती का गढ़ माना जाता है। बसपा मुखिया मायावती ने अंबेडकर नगर संसदीय सीट से ही अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। यहीं 1989 में चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। अंबेडकर नगर से मायावती जीत की हैट्रिक 1998, 99 और 2004 में लगा चुकी हैं। मायावती के बाद इस क्षेत्र से बसपा के राकेश पांडेय दो बार सांसद रहे। 2014 में मोदी लहर में उनको भाजपा के हरिओम पांडेय ने हरा दिया था। इस बार भाजपा ने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर यूपी सरकार में मंत्री मुकुट बिहार वर्मा पर दांव खेला है। इस फैसले के पीछे कुर्मी वोटरों का गणित है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और गठबंधन में ही है क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेद सिंह का नामांकन खारिज हो चुका है।

प्रतापगढ़

प्रतापगढ़ में मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है। अपना दल (एस) के सांसद हरिवंश सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने संगम लाल गुप्ता को मैदान में उतारा है। गुप्ता अपना दल के टिकट पर वर्ष 2017 में विधायक निर्वाचित हुए थे। कांग्रेस की ओर से तीन बार सांसद रहीं रत्ना सिंह इस बार प्रत्याशी हैं।

वहीं गठबंधन ने बसपा के अशोक त्रिपाठी को टिकट दिया है। स्थानीय समीकरण में उलट फेर करने वाले रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी जनसत्ता दल से प्रत्याशी अक्षय प्रताप गोपालजी के आने से मुकाबला चतुष्कोणीय बन गया है।

श्रावस्ती

श्रावस्ती सीट 2009 से अस्तित्व में आई और पहली बार कांग्रेस के विनय पांडेय को यहां से सांसद बनने का मौका मिला। 2014 में मोदी लहर के चलते दद्दन मिश्र सांसद बने। भाजपा ने दद्दन मिश्र को फिर से मौका दिया है। वहीं कांग्रेस से धीरेंद्र प्रताप सिंह और गठबंधन से बसपा के राम शिरोमणि वर्मा मैदान में हैं। मुकाबला बहुकोणीय होने के कारण चुनाव में कांटे की टक्कर दिख रही है। श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं का रुझान जानना कठिन नहीं है, पर कांग्रेस अंतिम परिणाम के लिहाज से गुणा-भाग को थोड़ा मुश्किल बना रही है। यहां आमने-सामने की लड़ाई में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन है। दोनों जहां अपने-अपने आधार वोट में मजबूती से लड़ रहे हैं, वहीं कुछ हद तक एक-दूसरे के आधार वोट में सेंध लगाने की कोशिश में भी हैं। भाजपा से मौजूदा सांसद दद्दन मिश्रा फिर से मैदान में है। गठबंधन से यह सीट बसपा के खाते में है। राम शिरोमणि वर्मा गठबंधन के प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने बलरामपुर सदर से विधायक रहे धीरेंद्र प्रताप सिंह पर दांव लगाया है।

डुमरियागंज

डुमरियागंज क्षेत्र में भाजपा के सांसद जगदम्बिका पाल को इस बार अपनी सीट कायम रखने के लिए गठबंधन की ओर से बसपा के आफताब आलम से कड़ी चुनौती मिल रही है। डुमरियागंज लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार के डॉ चंद्रेश उपाध्याय के आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। गठबंधन के प्रत्याशी आफताब आलम हैं। भाजपा के जगदम्बिका पाल तीसरी बार संसद पहुंचने के लिए मैदान में हैं। कांग्रेस की वजह से इस सीट पर ध्रुवीकरण की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं।

बस्ती

बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा ने मोदी लहर में जीतकर संसद पहुंचे हरीश द्विवेदी पर फिर से भरोसा जताया है। यह सीट सपा-बसपा गठबंधन में बसपा के खाते में है। पिछले चुनाव में बसपा के कैंडिडेट राम प्रसाद चौधरी तीसरे स्थान पर थे। राम प्रसाद को सीट जीतने का मौका दिया गया है। कांग्रेस सपा के बागी राजकिशोर सिंह को मैदान में उतारा है। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है।

भदोही

भदोही में भाजपा ने सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के स्थान पर रमेश बिंद को उतार कर नया प्रयोग किया है। यहां गठबंधन ने पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र को टिकट देकर ब्राह्मण कार्ड चला है, जबकि कांग्रेस ने बाहुबली रमाकांत यादव को मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा ने यहां से रमेश बिंद को खड़ा किया है। बिंद बसपा के टिकट पर तीन बार मझवां से विधायक रहे हैं। भाजपा ने ने एक तरह से पिछड़ा कार्ड खेला है।

संतकबीर नगर

संतकबीरनगर में भी मुकाबला रोचक है। गठबंधन से पूर्व सांसद बसपा के भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी मैदान में हैं। भाजपा ने अपने सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काटकर सपा के बागी सांसद प्रवीण निषाद को आजमाया है। इसी तरह कांग्रेस ने भी सपा के बागी भाल चंद्र यादव पर दांव खेला है। पूर्वांचल की महत्वपूर्ण सीटों में से एक संत कबीरनगर में मुकाबला त्रिकोणीय कहा जा सकता है। यहां किसी पार्टी के लिए मुकाबला सीधा नहीं रह गया है। जूतम-पैजार के बाद भाजपा ने ने मौजूदा सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काट दिया और डैमेज कण्ट्रोल करते हुए प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा। गठबंधन की तरफ से ब्राम्हण प्रत्याशी मैदान में है। कांग्रेस ने पूर्व सपाई भालचंद्र यादव को टिकट दिया है।

लालगंज

आजमगढ़ जिले की लोकसभा सीट लालगंज में 1962 से 2014 तक हुए 14 लोकसभा चुनाव में यहां से 10 बार ऐसे प्रत्याशी जीते जिनके नाम में राम लगा हुआ था। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा की नीलम सोनकर यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। एक बार फिर नीलम सोनकर मैदान में हैं और उनका मुकाबला बसपा की सीमा आजाद से है।

जौनपुर

जौनपुर लोकसभा सीट देश के राजनीतिक मिजाज के साथ यहां जाति का गणित ज्यादा महत्वपूर्ण रहता है. जातीय गणित में कई बार यहां स्थानीय मुद्दे भी गायब हो जाते हैं। इस बार यहां से भाजपा ने सांसद केपी सिंह पर फिर से भरोसा जताया है। कांग्रेस से देवव्रत मिश्र व सपा-बसपा गठबंधन से श्याम सिंह यादव ने ताल ठोंकी है। सीट गठबंधन में बसपा के खाते में है।

मछलीशहर

जौनपुर जिले की मछलीशहर संसदीय सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है। इस सीट से बहुजन समाज पार्टी ने इंजीनियर टी राम को अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका मुख्य मुकाबला भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीपी सरोज से है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के आधार पर विश्लेषण करें, तो मछलीशहर सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी लगता है। गठबंधन के बाद माहौल बदला है और गठबंधन प्रत्याशी कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

इन सीटों पर होगा चुनाव

सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज (सुरक्षित), आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर (सुरक्षित), भदोही।

कुल 174 उम्मीदवार और 2.53 करोड़ मतदाता

छठवें चरण में 14 सीटों के लिए 174 प्रत्याशी हैं। सर्वाधिक 20 प्रत्याशी जौनपुर में हैं और सबसे कम सात-सात डुमरियागंज व संत कबीर नगर में हैं। सुलतानपुर में 15, प्रतापगढ़ में आठ, फूलपुर में 14, इलाहाबाद में 14, अम्बेडकरनगर में 11, श्रावस्ती में 10, बस्ती में 11, लालगंज में 15, आजमगढ़ में 15, मछलीशहर में 15 भदोही में 12 प्रत्याशी हैं। कुल 2.53 करोड़ मतदाता है और मतदान के लिए 16998 पोलिंग सेंटर और 29076 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।

छठा चरण : एक नजर में

पुरुष मतदाता : 1,38,80,827

महिला मतदाता : 1,18,88,925

थर्ड जेंडर मतदाता : 1,493

महिला प्रत्याशी : 13

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