कुशीनगर लोकसभा सीट: त्रिकोणीय जंग में किसके सिर बंधेगा सेहरा

कुशीनगर बौद्ध मंदिरों की वजह से अंतर्राष्ट्रीय पहचान रखता है. यहां कई देशों के बनवाए हुए बौद्ध मंदिर हैं. महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण के कारण कुशीनगर के प्रति बौद्ध धर्म के लोगों का खास लगाव है और दुनियाभर से लोग यहां आते हैं. साल 2008 में कुशीनगर संसदीय सीट वजूद में आई. उससे पहले यह संसदीय क्षेत्र पडरौना के नाम से जाना जाता था. कांग्रेस के आरपीएन सिंह ने यहां साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर कांग्रेस के लिए खाता खोला. उन्होंने बीएसपी के स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था.
कौन हैं प्रत्याशी?
बीजेपी ने पूर्व विधायक विजय दूबे को प्रत्याशी बनाया है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने नथुनी कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि कांग्रेस की तरफ से आरपीएन सिंह मैदान में हैं.
कौन हैं विजय दूबे?
विजय दूबे खड्डा से विधायक रहे हैं और योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं. वह हिन्दू युवा वाहिनी में हुआ करते थे. बीजेपी के टिकट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट मिला लेकिन वह चुनाव हार गए थे.
वर्ष 2016 के राज्य सभा चुनाव में उन्होंने क्रास वोटिंग कर भाजपा की मदद की. इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए. 2017 के विधान सभा चुनाव में वह भाजपा से खड्डा सीट पर टिकट के दावेदार थे लेकिन उनकी जगह जटाशंकर त्रिपाठी को टिकट मिला और वह जीत भी गए. इसके बाद से वह योगी आदित्यनाथ के फिर से करीब आ गए. आज गोरखपुर में भाजपा की विजय संकल्प सभा में भी वह मंच पर मौजूद थे. अब भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाकर राज्यसभा चुनाव में मदद करने का पुरस्कार दिया है.
कौन हैं नथुनी कुशवाहा
नथुनी कुशवाहा शिक्षा क्षेत्र से जुड़े नेता हैं. एक वक्त नथुनी कुशवाहा आरएसएस के स्वयंसेवक भी रहे हैं.
कौन हैं राजेश पांडे?
राजेश पांडे कुशीनगर से बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजेश पांडे ने कांग्रेस के आरपीएन सिंह को हराया था. राजेश पांडे के पिता राजमंगल पांडे यूपी सरकार में मंत्री रहे हैं. वहीं उनकी मां भी दो बार विधायक रही हैं.
कौन हैं आरपीएन सिंह?
आरपीएन सिंह
आरपीएन सिंह के पिता कुंवर चंद्र प्रताप नारायण सिंह कांग्रेस के टिकट पर पडरौना सीट से 1980 और 1984 का लोकसभा चुनाव जीते थे. उनके बाद आरपीएन सिंह ने साल 2009 का लोकसभा चुनाव कुशीनगर सीट से जीतकर कांग्रेस के लिए खाता खोला. तत्कालीन यूपीए सरकार में आरपीएन सिंह मंत्री भी बने.
कुशीनगर को आबादी के हिसाब से यूपी में सबसे घनी आबादी वाला जिला माना जाता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक कुशीनगर की आबादी 35.6 लाख है. यहां सामान्य वर्ग की 82 फीसदी, अनुसूचित जाति की 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की 2 फीसदी आबादी है. यहां पर हिन्दुओं की 82.28 फीसदी तो मुस्लिमों की 17.4 फीसदी आबादी है.