मायावती ने समर्थकों से की राहुल-सोनिया को वोट देने की अपील

देश में लोकसभा चुनाव 2019 की सरगर्मी है. प्रचार अभियान में जुटे राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे को चेतावनी और धमकी देने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने पहले कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में अटल बिहारी वाजपेयी की तरह भारी कीमत चुकाने की धमकी दी. फिर कुछ देर में ही उन्होंने अपने सुर बदल लिए. रविवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बहनजी (मायावती) अमेठी-रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए वोट देने की अपील करती नज़र आईं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण के तहत उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर सोमवार को मतदान होने हैं. इनमें यूपी की वीआईपी लोकसभा सीटें अमेठी और रायबरेली भी शामिल है. सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. मायावती ने कहा, 'हमने कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं किया है, लेकिन बीजेपी को हराने के लिए रायबरेली और अमेठी सीट पर हमारी पार्टी का वोट कांग्रेस को मिलेगा.'
बीजेपी में शामिल होने के कयासों पर क्या बोलीं माया?
बसपा सुप्रीमो ने चुनाव बाद बीजेपी में जाने के कयासों को निराधार बताते हुए कहा, 'बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एक जैसी हैं. सपा-बसपा गठबंधन सिर्फ वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के लिए भी है. बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इसके सामने लाचार नजर आ रहा है. इसलिए दोनों पार्टियों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.' मायावती ने कहा, 'चार चरणों के चुनाव में जनता ने गठबंधन का समर्थन किया है, जिससे बीजेपी परेशान है.'
मायावती ने कहा, 'ये गठबंधन सिर्फ केंद्र में नया प्रधानमंत्री व नई सरकार बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यूपी में भी बीजेपी की सरकार को हटाने के लिए भी है.' उन्होंने कहा कि 23 मई को देश को निरंकुश व अहंकारी शासन से मुक्ति मिल जाएगी.
पांचवें चरण में दांव पर इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा
बता दें कि पांचवें चरण में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में कैद होनी है. बीजेपी ने सोनिया गांधी की रायबरेली सीट और राहुल की अमेठी सीट को छोड़कर बाकी 12 सीटों पर 2014 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. अमेठी और रायबरेली सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं.




