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चुनाव 2019

बाराबंकी की गाउंड रिपोर्ट : प्रत्याशी बदला फिर भी मुकाबला त्रिकोणीय

बाराबंकी की गाउंड रिपोर्ट : प्रत्याशी बदला फिर भी मुकाबला त्रिकोणीय
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बाराबंकी संसदीय क्षेत्र में राजनीतिक तपिश पूरे चरम पर है। भाजपा, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस तीनों इस सीट पर कब्जे के लिए हर कोशिशें कर रहे हैं। टिकट बदलने के बावजूद भाजपा के सामने सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस प्रत्याशी कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। जिस तरह से जातीय गोलबंदी चल रही है मतदान के दिन तक बहुत कुछ उलटफेर होने का अनुमान है। प्रत्याशी क्षेत्रों में प्रभावी जातीय शूरमाओं को साधने में जुटे हैं।

27 अप्रैल दिन शनिवार, समय दोपहर 3 बजे। जैदपुर विधानसभा के सफदरगंज में 42 डिग्री तापमान के बीच कोल्डड्रिंक के ठेले पर स्नातक के छात्र हिमांशु पांडेय ने चुनावी चर्चा शुरू करते ही कहा कि उसका वोट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर जाएगा। इस छात्र ने मोदी की भी तारीफ की। भाजपा के ये दोनों नेता अच्छे हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ आमजन को मिलने लगा है। सपा-बसपा गठबंधन या कांग्रेस को वोट क्यों नहीं ? सवाल पर उसने कहा कि गठबंधन के लिए तो मम्मी-पापा भी सलाह नहीं देते हैं। कोल्डड्रिंक विक्रेता युवा मो. अहमद ने कहा कि मोदी ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। उसका वोट मोदी को पड़ेगा।

आगे बढ़ने पर हाईवे के किनारे सफदरगंज कृषि उत्पादन मंडी दिखी। इस सोच के साथ मंडी में दाखिल हुआ कि बड़ी तादाद में यहां किसान मिलेंगे जो अपनी फसल बेचने आए होंगे लेकिन यहां पर वैसा कोई दृष्य नहीं दिखा। मंडी में चार सरकारी एजेंसियों की टीम गेहूं खरीद के लिए लगी हुई थी। इक्का-दुक्का किसान ही दिखे।

खाद्य एवं रसद विभाग के खरीद केंद्र पर केवलापुर के युवा किसान सतीश कुमार वर्मा से मुलाकात हुई। 50 बीघे के खेतिहर स्नातक तक शिक्षित सतीश एक ट्राली गेहूं बेचने के लिए मंडी पहुंचे थे। एरिया मार्केटिंग अफसर पवन कुमार की देखरेख में गेहूं की तौल जारी थी। सतीश ने कहा उन्हें पीएम मोदी पसंद हैं। उनको फिर से पीएम के रूप में वह देखना चाहते हैं, इसलिए भाजपा को वोट देंगे। गेहूं खरीद व्यवस्था की सराहना करते हुए बोले यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव का कामकाज ठीक था।

शाम करीब चार बजे नवाबगंज विधानसभा बाराबंकी कचहरी में अधिकांश वकील घर वापसी की तैयारी में हैं। एक चेंबर में अधिवक्ता नवल किशोर वर्मा और अरुण यादव से मुलाकात हुई। इनसे बाराबंकी के चुनावी परिदृश्य के बारे में जानने की कोशिश की गई तो नवल किशोर वर्मा बोलें -भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर ठीक किया है। मौजूदा सांसद को प्रत्याशी बनाने की स्थिति में भाजपा लड़ाई से बाहर हो गई होती।

यहां मुकाबला भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच है। अधिवक्ता अरुण यादव ने भी वर्मा जी की बातों का समर्थन किया। अरुण बोले-कुछ लोग कांग्रेस को सीधी लड़ाई में बता रहे हैं, ये वे लोग हैं जो भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। यहां पर अधिवक्ताओं के बीच चर्चा के दौरान कुछ और लोग भी उपस्थित थे। इन लोगों का कहना था कि बाराबंकी संसदीय क्षेत्र में कुर्मी मतदाता निर्णायक होंगे। गठबंधन प्रत्याशी रामसागर रावत के सिर पर दिग्गज सपा नेता बेनी बाबू का हाथ है, वह इनके लिए जोर लगा रहे हैं। देखिए उनका कितना असर होता है। कचहरी के पास ही पान विक्रेता युवा प्रमोद कुमार की राय कुछ जुदा रही। प्रमोद ने कहा उसकी पसंद कांग्रेस प्रत्याशी युवा नेता तनुज पुनिया हैं। वह पढ़े लिखे हैं। गठबंधन भी लड़ाई में है। इस बार भाजपा लड़ाई से बाहर है।

शाम पांच बजे हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सैदनपुर चौराहे पर एक बाजार में कुछ लोग बैठकर चुनाव की चर्चा कर रहे थे। बाजार में मझियांवा निवासी मेडिकल प्रैक्टिशनर डा. विक्रम कुमार ने एक लाइन में ही कह दिया कि वोट जातीय आधार पर पड़ेंगे। इनका दावा था कि गठबंधन प्रत्याशी बाजी मारेगा। वहीं सुशील कुमार वर्मा ने कहा कि यहां लड़ाई कांग्रेस और गठबंधन के बीच है। इन्होंने कहा कि संसदीय क्षेत्र में यादव और दलित वोटर एकजुट नहीं हैं। मो. सुबराती ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में एक बार भाजपा को वोट दिया था, उस समय भाजपा हार गई थी। इन्होंने कहा कि पीएल पुनिया सांसद थे तो आकर उन लोगों के बीच बैठते थे। पुनिया ने काम किया है, उनका वोट कांग्रेस को।

आगे बढ़ने पर सादुल्लापुर बाजार मिला। सादुल्लापुर बाजार के आसपास दलित और पिछड़ी जातियां अधिक हैं। यहां पर चाय की दुकान पर कुछ लोगों से चुनावी चर्चा की गई तो अधिकांश ने कहा अभी स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं है। विपिन कुमार ने कहा कि अभी कुर्मी और दलित जातियां बंटी हुई दिख रही हैं। संभव है मतदान तक ये एकजुट हों। कुर्मी और दलित जातियां बाराबंकी में निर्णायक भूमिका में हैं।

'जस' नाम के भर राजपूत ने बसाया था बाराबंकी को

बाराबंकी में सिद्धौर तथा कुंतेश्वर के प्राचीन मंदिर हैं। कहा जाता है कि इस स्थान का प्राचीन नाम 'जसनौल' था। जिसे 10वीं शती में 'जस' नामक भर राजपूत ने बसाया था। बाराबंकी को 'नवाबगंज' के नाम से भी जाना जाता है, बाराबंकी शहर की विधानसभा अभी भी नवाबगंज के नाम से ही है। यह उत्तर मे घाघरा नदी, पूर्व में फैजाबाद जिला, दक्षिण में सुलतानपुर, रायबरेली और लखनऊ से घिरा हुआ है। बाराबंकी जहां एक ओर पारिजात के वृक्ष के लिए विश्व में प्रसिद्ध है, वहीं महादेवा मंदिर, देवा शरीफ़, सिद्धेश्वर मंदिर, त्रिलोकपुर तीर्थ, कोटवा धाम मंदिर और सतरिख के लिए भी जाना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान राम के गुरु वशिष्ठ ने 'सतरिख' में ही राजवंश के युवा राजकुमारों को उपदेश एवं शिक्षा दी थी। इसे 'सप्तऋषि' के नाम से जाना जाता था।

महाभारत काल में यह 'गौरव राज्य' का हिस्सा था। पांडवों ने अपनी मां कुंती के साथ कुछ समय घाघरा नदी के तट पर व्यतीत किया था। 1857 की आखिरी लड़ाई दिसंबर 1858 ई. में इसी जिले में हुई थी।

2014 का रिजल्ट

नाम पार्टी वोट मिले

प्रियंका रावत भाजपा 454214

पीएल पुनिया कांग्रेस 242336

कमला प्रसाद बसपा 167150

राजरानी रावत ब्सपा 159284

कुल मतदाता

2216172

विधानसभा सीटें

बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र में प्रदेश की पांच विधानसभा सीटें कुर्सी, जैदपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और नवाबगंज हैं।

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