संतकबीर नगर के पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव बेटे के साथ सपा में शामिल

संतकबीर नगर, । लोकसभा के महासमर में बड़े सियासी घटनाक्रम के तहत शुक्रवार को पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव ने बेटे सहित समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। वह 1996 में जनता दल के टिकट पर संतकबीर नगर (खलीलाबाद) से सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में वह कांग्रेस में थे। महागठबंधन की ओर से इसे यादव वोटों के सहेजने से जोड़कर देखा जा रहा है। सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने महागठबंधन को ही प्रदेश में भाजपा को रोकने वाली ताकत बताया।
जिला कार्यालय पर पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव पुत्र आलोक यादव के साथ पहुंचे। यहां जिलाध्यक्ष गौहर अली खान, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष संतोष यादव अनेक दिग्गजों की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने कहा कि इस सीट पर महागठबंधन के भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी का जीतना तय है। वह महगठबंधन को मजबूती देने के लिए आए हैं। कांग्रेस भाजपा को रोकने में सक्षम नहीं है।
सुरेंद्र यादव का सियासी सफरनामा
सुरेंद्र यादव ने 1996 में जनता दल के टिकट से चुनाव लड़कर बसपा के रामप्रसाद चौधरी को हराया था। इसके पहले 1991 में भी जनता दल से उन्होंने चुनाव लड़ा था, हालांकि भाजपा के अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल ने उन्हेंं हरा दिया। वह दूसरे स्थान पर रहे थे। 1998 में सुरेंद्र यादव ने जनता दल से ही एक बार फिर दावेदारी की। इस बार वह छठवें स्थान पर रहे। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
भालचंद्र यादव की काट के रूप में इस्तेमाल करेगा महागठबंधन
दिलचस्प त्रिकोणात्मक लड़ाई वाले इस सीट पर भाजपा से प्रवीन निषाद, महागठबंधन से बसपा कोटे के भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी व कांग्रेस से भालचंद्र यादव मैदान में हैं। तीन विधानसभा सीटों पर भालचंद्र यादव के यादव मतों पर मजबूत पकड़ के चलते महागठबंधन के रणनीतिकारों की नींद उड़ी हुई है। सुरेंद्र यादव को शामिल कराने के पीछे इसी को मुख्य वजह मानी जा रही है।