आदिवासियों पर दिया बयान राहुल गांधी को पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

नई दिल्ली, । चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ टिप्पणी पर नोटिस जारी किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार ने एक नया कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मार देने की अनुमति दी गई है। आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष से 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा है। विशेष संदेश वाहक के माध्यम से नोटिस भेजा गया है।
उधर गुजरात भाजपा अध्यक्ष के बाद आयोग ने अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भी प्रचार से 72 घंटे तक दूर रहने का आदेश दिया है। आयोग ने कहा है कि बाबूभाई रायका ने 11 अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को संबोधित करते समय अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया। आयोग ने दो मई शाम चार बजे इसे पांच मई तक देश के किसी भी हिस्से में प्रचार या सभा में भाग नहीं लेने के लिए कहा है।
दरअसल, राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के शहडोल में एक रैली में कहा था कि 'नरेंद्र मोदी ने एक नया कानून बनाया है, जिसमें एक लाइन है कि आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है।' निर्वाचन आयोग ने इस बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है।
इससे इतर गुजरात के अहमदाबाद स्थित एक अदालत ने भी बुधवार को आपराधिक मानहानि के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को समन जारी किया। यह समन राहुल द्वारा शाह को 'हत्यारोपित' कहे जाने के मामले में भेजा गया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने जवाब की आखिरी तारीख छह जुलाई तय की है। स्थानीय कारपोरेटर कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने अपनी शिकायत में कहा है कि गांधी ने जबलपुर में 23 अप्रैल को आयोजित चुनावी रैली में कहा था-'भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हत्यारोपित, वाह, क्या शान है!'
ब्रह्मभट्ट ने आपत्ति जताई कि सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में सीबीआइ अदालत वर्ष 2015 में ही शाह को दोषमुक्त कर चुकी है। शाह की दोषमुक्ति के खिलाफ याचिका को न तो हाई कोर्ट और न ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनने योग्य समझा। इस प्रकार गांधी का जबलपुर में शाह को 'हत्यारोपित' कहना आपराधिक मानहानि है।