उन्नाव में ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, कहा- नहीं हुआ कोई विकास

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर सोमवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया. इसी कड़ी में उन्नाव के बिछिया विकास खंड की ग्राम पंचायत तारगांव के मजरे पकरा पोलिंग बूथ पर सन्नाठा पसरा हुआ है. नाराज ग्रामीणों ने विकास कार्य न होने से दुखी होकर वोटिंग का बहिष्कार का ऐलान कर दिया. उनका कहना है कि उनके गांव की सड़कों में गड्ढे हैं. चुनाव से पहले उनके गांव में कोई नहीं पहुंचता. उन्होंने विकास कार्य कराने के लिए जनप्रतिनिधि और अफसरों से मांग की, लेकिन उनके गांव की तस्वीर नहीं बदल पाई. अब उन्होंने ठान ली है कि वह इस बार मतदान नहीं करेंगे.
बता दें कि मोदी फैक्टर के सहारे 2014 की तरह ही जीत तय मान रहे भाजपा प्रत्याशी साक्षी महाराज को पिछड़ा और सवर्ण वोटरों में बिखराव रोकने में मशक्कत करनी पड़ रही है. 2009 में रिकाॅर्ड मतों से जीत हासिल करने वाली कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी अनु टंडन इस बार भी मैदान में हैं. उन्नाव जिले को महाकवि निराला के मूल जिले के तौर भी जाना जाता है. हालांकि निराला ने कभी इसे अपनी कर्मभूमि नहीं बनाया लेकिन अवध और उसके आस-पास के इलाकों में उन्नाव की पहचान निराला की धरती के तौर पर भी की जाती है.
चौथे चरण में सर्वाधिक 21,88,558 मतदाता उन्नाव और सबसे कम 16,31,296 कानपुर में हैं. उत्तर प्रदेश में जिन 13 सीटों पर वोट डाले जाने हैं उनमें बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन के बीच सीधी टक्कर दिख रही हैं. साथ ही कन्नौज सीट भी सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. 2014 में बीजेपी ने राज्य में 13 में से कुल 12 सीटें जीती थीं. सिर्फ कन्नौज सीट पर सपा काबिज हुई थी.




